ट्रेन में बंगाली भाभी के साथ सेक्स की रात

Bengali Bhabhi Sex Story – नमस्ते दोस्तो मैं हूँ नितेश आज आप सभी के सामने एक मजेदार सेक्स की कहानी लिख रहा हूँ। मैंने बहोत सेक्स की कहानी पढ़ी है और बहोत बार सेक्स भी की है। लेकिन ये कहानी बहोत रोमांचक थी मेरे लिए इसलिए मैंने इसे लिखने के बारे में सोचा और आप सब भी इस कहानी को पढ़ के गर्म हो जये और कामवासना के रस में डूब जये। मैं कहानी की ओर जाने से पहले अपने बारे में बता दु।

मैं एक दिल्ली के एक कंपनी में काम करता हूँ। मेरी उम्र अभी 28 साल है मेरी अभी तक सादी नही हुई है। मैं दिखने में हैंडसम हूँ और सरीर से काफी अच्छा हूँ। मैं कभी भी किसी भाभी या लड़की को आराम से पटा लेता हूँ। मैं बहोत महिलाओं के साथ सेक्स करने का शौकीन हूँ। मैं किसी भी महिला को चोद के संतुष्ट कर सकता हूँ। मेरा लण्ड काफी बड़ा है और मेरे अंदर स्टैमिना की के कमी नही है। तो अब मैं कहानी पे आता हूँ।

Bengali Bhabhi Sex Story
Bengali Bhabhi Sex Story

ये बात है कुछ महीने पहले की मुझे काम के सिलसिले में दिल्ली से कोलकाता जाना था। मेरी टिकट राजधानी एक्सप्रेस में 1 क्लास में बुक थी। शाम को ट्रेन थी मैं समय से पहले पाउच गया और अपनी सीट ले ली। मेरे साथ मेरे कंपार्टमेंट मेरा एक साथी भी था। तभी हमारे बगल वाले कंपार्टमेंट में एक औंरत आयी। उसके गोद मे 2-3साल की बच्ची होगी। वो बंगाली औंरत थी और उसका पति उसे छोड़ने आया था।

वो औंरत की उम्र लगभग 30 के पास होगी। वो एक मस्त माल डार औंरत थी। जिसके बड़े बड़े खरबूजे जैसे चुचिया एकदम गोरी चींटी बदन आग उगलती हुई । जिसे देख मैं मोहित हो गया था मेरे लण्ड में कड़क पन आने लगी थी। वो दोनों बांगोली में बात कर रहे तो मुझे कुछ समझ नही आया लेकिन उन्हें हिन्दी भी आती थी।

कुछ देर बाद ट्रेन खुलने का टाइम हो गया उसके पति चले गए। रात का सफर था मैं गेट के पास जाके खड़ा था। तभी कुछ देर में वो महिला बाथरूम के पास आई साथ मे उसकी बेटी भी थी। मैं उसकी बेटी से ऐसे कुछ कुछ बोलने लगा। उसे लगा मैं अच्छा आदमी हूँ। तो वो बोली की 2 मिनट आप इसे देख सकते है। मैं अन्दर से आती हूँ। मैंने बोला है क्यों नही तबतक मैं उसकी बेटी को खेला रहा था।

वो बाहर आई बोली थैंक्यू, तो मैंने उससे पूछा कि आप अकेली हो आप जब ट्रेन में चढ़ि तो आपके पति थे। वो बोली वो तो स्टेशन पे ही उतर गए। मैं अपने मायके जा रही हूँ। मैं उसे बाते करने लगा कुछ न कुछ बात को लेके और साथ मे अपने कंपार्टमेंट के पास आ गए। तभी मेरा खाना आ गया और मैंने उसने पूछ लिया आप खा लिए वो बोली नही बस खाने वाली थी। मैं तो आओ हमारे साथ खा लेना वो बोली नही मैं घर से खाना लेके आयी हूँ।

मैंने बोला वाह घर का खाना क्या लयी हो आप तो वो बोली आलू पराठे, मैं बोल दिया ये तो मेरे पसंदीदा खानों में से है। वो बोली तो आइए साथ में खाते है। मैं बोला नही नही आपको कमी हो जयेगी। तो वो बोली नही जी मेरे पास बहोत है तब बोला तो ठीक है आप मेरे खाने में से लोगी तब। वो बोली ठीक है, मैं अपने पार्ट्नर को बोल दिया कि मैं बगल वाले कंपार्टमेंट में खा रहा हूँ।

मैं उनसे नाम पूछ लिया वो अपना नाम आरवी बताया। हम दोनों साथ मे खाना खा रहे थे और बाते कर रहे थे। खाना खा के मैं उसी के कंपार्टमेंट में था तभी टीटी आया टिकट चेक के बाद कोई नही आने वाला था। मैं बोला अब आपको नींद आ रही होगी मैं जाता हूँ, वो बोली नही मुझे तो सफर में नींद ही नही आती है। उसकी बेटी सो चुकी थी, वो बोली आप हो तो बस बात कर रही हूँ। तभी उसके पति का फ़ोन आया मैं तबतक अपने कंपार्टमेंट में गया दोस्त को बोला कि बगल में बाते कर रहा हूँ तुम सो सकते हो।

मैं फिर आरवी के कंपार्टमेंट में गया तो पति से बात कर चुकी थी। मैं अब उसके बगल में बैठ गया उसकी बेटी सामने वाले सीट पे सोई हुई थी। ट्रेन एक स्टेशन पे रुकी वो ब्रेक लगने से वो जुक गुई। मैने उसे पकड़ लिया और मेरा हाथ उसकी चुचियो पे लग गया। मैं बाहर जाके उसके और अपने लिए लस्सी ले आया। तब ट्रेन खुल गई दोनो लस्सी पी रहे थे और बाते कर रहे थे। मेरी नज़र तो उसके बूब्स पे ही थी।

हम दोनों एक दूसरे के नज़र में देख रहे थे। कुछ देर वो भी चुप रही और मैं भी मैंने उसके होठ पे होठ रख दिया। मैं उसकी होठो को चुनसे लगा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी। इस सुहाने सफर में दोनों एक दूसरे के अन्तर्वासना को सांत करने में लगे हुए थे। मैंने उसकी पल्लू नीचे कर दी। वो बोली कंपार्टमेंट लॉक कर दो। वो अब सेक्स के लिए तैयार थी और मेरे साथ सेक्स करने वाली थी।

मैंने कंपार्टमेंट लॉक किया और फिर से उसके साथ किश करने लगा था। मैं उसके गर्दन पे किश करता हुआ उसके सीने पे आ गया। मैंने उसकी ब्लाउज को खोलना सुरु किया। वो भी मेरे शर्ट को खोल रही थी। मैंने उन्हें खरा किया और उसकी साड़ी खोल दी। बंगाली भाभी अब पेटिकोट और ब्लू ब्रा में थी। मैंने अपनी शर्ट उतार दिया और पैंट भी खोल दिया।।

भाभी पूरे मूड में और मैं भी मैंने उसकी पेटिकोट नीचे गिरा दिया। उन्हें सीट पे लेता के दिया उन्हें किश भी कर रहा और उनकी पेंटी में हाथ डाल के उनकी चूत सहला रहा था। उनके चूत पे हल्के बाल थे जो मेरे हाथ में लग रहा थे। उसकी चूत गीली हो गयी थी। मैं एक हाथ से उनकी चुचियो को दबा रहा था और दूसरे से चूत में उंगली।

भाभी बोली अब करो न मै अपना चढ़ि खोला और उनकी पेंटी उतार दिया। ब्रा भी खोला और उनके चुचियो को दबा रहा था। अब मैं उनके ऊपर लेट गया लण्ड को चूत पे टिका दिया और अंदर पेल दिया। ट्रेन स्पीड में चल रहा था और उसी स्पीड में मैं धके दिए जा रहा था। ट्रेन हिल रहा था और उनके चूत में धके जा रहे थे। मैं उनकी चुचिया भी दबा रहा था।

भाभी ने एकदम से मुझे पकड़ लिया और वो झर गयीं। लेकिन मैं पेले जा रहा था 10 मिनट के बाद उनकी चूत में छोड़ दिया। कुछ देर रुकने के बाद वो निचे बैठ गयी और मेरे लण्ड को खड़ा करने लगी। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी।

मेरा लण्ड फिर आए खरा हो गया। अब मैं नीचे गया और उन्हें सीट पे बैठा के उनके टैंगो को फैला दिया। जोरदार चुदाई करने लगा था। ट्रेन अपने स्पीड में दौर रही थी और मैं अपने स्पीड के चोद रहा था।

ऐसा करते करते हम दोनों ने न जाने कितने बार सेक्स किया होगा। मैं उन्हें कुश कर दिया था। भाभी को चोद के मुझे भी संतुष्टि मील गयी थी। तबतक 3 बज रहे थे मैं कुछ देर उन्हें हग कर के बैठा रहा। फिर अपने सीट पे जाके सो गया। सुबह जब नींद खुली तो हम पाउच गए थे। बंगली भाभी का भाई लेने आ गया था। वो मुझे एक स्माइल देखे चली गयी।

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