बॉयफ्रैंड ने खंडर में ले जाके चोदा

Boyfriend Sex Story – नमस्ते सभी हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ने वालों को, मैं सोनिया आज अपनी पहली चुदाई की कहानी आप सबको बताने वाली हूँ। मैं पहली बार अपनी कहानी लिख रही हूँ,कोई गलती हो तो नज़र अंदाज़ करना। मेरी उम्र अभी 21 साल है लेकिन ये कहानी तब की है जब मैं 17 की थी। मैं उस वक़्त 12वी में पढ़ती थी।

मै दिखने में हमेसा से सुन्दर लड़की रही हूँ। मैं जब हाई स्कूल में पढ़ रही थी तो मेरा एक बॉयफ्रैंड था संजीव । हम दोनों के बीच बहोत प्यार भी था। हम दोनों रोज रात को बात किया करते थे। हम बात करते करते सेक्स की बाते भी करने लगे थे। हम दोनों को अब सेक्स करने को मन करने लगा था।

हम अक्सर स्कूल की छत पे जाके किश किया करते थे। संजीव मेरी चुचियो को दबाया करता था। हम दोनों सेक्स करने के लिए उत्सुक हो जाते थे। संजीव अपना लण्ड मुझे पकड़ा देता था। लेकिन इससे आगे कुछ नही कर सकते थे। हमे सेक्स करने को आतुर हो रहे थे। लेकिन हम दोनों को सेक्स करने के लिए कोई जगज नही मिल पा रहा था। उसके और मेरा घर काफ़ी लोग रहते थे।

तो मेरे बॉयफ्रैंड ने एक प्लान बनाया, क्योंकि न उससे रहा जा रहा था न मुझसे रहा जा रहा था। उसने मुझसे कहा कि हम जिस खंडर में जाके सिगरेट पीते है, वहां जाके हम सेक्स कर सकते है। वो बोला कि वहा कोई नही आता जाता है। हम स्कूल बंक कर के वहा जाके सेक्स कर सकते है। मैंने भी सोच लिया अब जो हो जहा हो सेक्स तो करना ही है।

वो अगले ही दिन मुझे लेके रोड के अंदर एक खंडर था वही लेके चला गया। वहां कोई आता जाता नही था। साथ वो अपने एक दोस्त को ध्यन देने के लिए ले आया था। जोकि ध्यन देता की कोई आ तो नही रह है ना। उसके बाद हम स्कूल छोड़ के उसी खंडर में चले गए। वहाँ बहोत गंदगी थी सब तरफ सिगरेट दारू की बोतल फेकि हुई थी।

मैंने तो ये सोचा कि हम सेक्स कहा करेंगे यहाँ यो कही बैठने तक कि जगह नही थी। उसके बाद जीव अंदर ले जाके मुझे किश करना सुरु कर दिया। मैं भी उसके साथ किश किये जा रही थी। वो अपना हाथ मेरी चुचियो पे ले गया और मेरी चुचियो को मसलने लगा था। मैं जोश में आने लगी थी। संजीव किश करता हुआ मेरी चुचियो के पास आ गया और मेरी शर्ट को खोलने लगा।

उसने मेरी शर्ट की सारी बटन खोल दी और मेरी ब्रा में से चुचियो को निकाल के चूसना सुरु कर दिया। उफ्फ्फ मेरी चूत में अजीब सा होने लगा था। मेरा हाथ उसकी लण्ड के ऊपर चला गया उसका लण्ड सख्त हो चुका था। अब उंसने अपने लण्ड को पैंट में से लण्ड को निकाल दिया। उसका लण्ड पहली बार मैं देख रही थी। वो एकदम मोटा तगड़ा लण्ड था।

अब उसने मेरी शर्ट खोल के बगल में रख दिया ताकि शर्ट गंदी न हो जये। उसके बाद मुझे खंडर के एक दीवाल पे बैठा दिया और अपना शर्ट भी खोल दिया। अब उंसने मेरी स्कर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी पैंटी को खोल दिया। उसने मेरी चूत के ऊपर हाथ फेरना सुरु कर दिया मैं सिहर उठी थी। संजीव मेरी स्कर्ट में घुस गया और मेरी चूत को चाटने लगा था। मैं तो पागल हुई जा रही थी मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने उसकी मुह को हटा दिया।

अब वो बोला कि तुम अब मेरा लण्ड को चुसो और मुझे चुसने का मन तो नही था लेकिन चूसना पड़ता क्योंकि उंसने मेरी चूत चाती थी। अब मुझे नीचे बैठा के वो दीवाल पे बैठ गया और लण्ड मेरे मुह के दिया। मैं थोड़ा थोड़ा लण्ड अंदर ले रही थी उसने एक झटके से मुह में लण्ड घुसा दिया। मेरे सिर को पकड़ आगे पीछे करने लगा था। कुछ देर में वो भी झरने वाला था कि मेरे मुह में से निकाल के मेरे चेहरे पे ही झार दिया। मुझे बहोत गंदा लग रहा था तब उसने मेरी चेहरे को धो दिया।

अब फिर से हम किस करने में लगे हुए थे संजीव मेरी चुचियो को दबाए जा रहा था। कुछ देर के बाद उसका मन मुझे चोदने को हुआ। अब वो अपनी पैंट को खोल चुका था और मेरी स्कर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी चूत पे लण्ड को टीका दिया। अब वो धीरे धीरे अपने लण्ड को मेरे चूत में डालने लगा और मेरी दर्द बढ़ने लगी थी।

संजीव ने मेरे दर्द पे ध्यन तक नही दिया और लण्ड को अंदर घुसे दिया। मेरी चीख निकलने वाली थी तो उसने मेरी मुह को बंद कर दिया। मुझे दीवार में सता के मुझे चोदने लगा। मुझे काफी दर्द हो रहा था मैं दर्द से कराह उठी थी लेकिन मेरा बॉयफ्रैंड मेरी चूत चोदने में लगा हुआ था। उस दीवाल में मुझे दिक्कत हो रहा था। तो उसने मुझे दीवाल के सहारे घूम के जुका दिया।

अब वो मेरी पीछे से चुदाई करने लगा था मैं आआह ऊऊह कर रही थी। संजीव मेरी चुदाई करने से रुकने का नाम नही ले रहा था। कुछ देर के बाद वो झरने वाला था तो लण्ड बाहर निकाल के निचे सब गिरा दिया। मुझे वही निचे में छोड़ दिया मैं तो वैसे ही बैठी रह गयी। मेरी पहली चुदाई बहोत दर्द भरा और रोमांचक भी था। संजीव अपने के साथ सिगरेट पीने लगा। उसके कुछ देर बाद वो सिगरेट पिता हुआ आया और फिर से मेरी चुदाई सुरु कर दी।

उस दिन संजीव ने तक तक मुझे चोदा जबतक स्कूल का समय खत्म नही हुआ। फिर वो मुझे घर छोड़ आया उस दिन के बाद से जब भी हमे मन करता था दोनो उसी खंडर में जाके चुदाई का मज़ा लेते थे। अब मैं अगली कहानी में बताऊंगी की कैसे उसके दोस्त ने मेरे साथ उसी खंडर में चुदाई किया।

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