मम्मी ने मेरी सील नौकर से तुड़वाई

Desi Kahani – सभी हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वालों को मेरा नमस्कार है। मैं आज अपनी पहली सेक्स की कहानी आप सभी को बताने वाली हूँ। मैं इससे पहले सेक्स के बारे में सब कुछ जानती ही लेकिन मैंने कभी सेक्स नही किया था। मेरी उम्र अभी 18 साल है और मैं 14 के उम्र से ही घर से बाहर होस्टल में रही थी।

मेरे पापा एक बिजनेसमैन है तो वो काम को लेके बाहर आते जाते रहते थे। मेरी मम्मी घर मे अकेले रहती थी जब पापा नही होते थे। बस मेरे घर मे एक नौकर जिसका नाम संयय था।वो हमारे घर के फैमिली के तरह ही था। पापा को उनके ऊपर बहोत विस्वास था और वो सबकुछ उन्ही के ऊपर छोड़ के जाते थे।

मैं काफी दिनों के बाद अपने घर छुट्टी में आई हुई थी। कुछ दिन तो पापा हमारे साथ रह रहे थे। अब एक दिन के लिए पापा को सहर से बहार जाना था। अब मैं अपने रूम में उस रात सो रही थी मेरी मम्मी अपने रूम में थी। तभी मुझे बहोत अजीब सी आवाज आने की सुनी मैं रूम से बहार गयी तो जो सुना मैं तो डंग रह गयी।

वो आवाज मेरी मम्मी के रूम से आ रही थी जैसे कोई पलँग को जोर जोर से हिला रहा हो। मुझे ये आवाज बहोत अजीब लगा मैं मम्मी के गेट को खटखटाने लगी। अब पलँग के हिलने का आवाज बन्द हो गया था। अंदर से कोई आवाज नही आ रही थी। मुझे कुछ सही नही लगा मैंने जोर से गेट को हिल्या और गेट की किल्ली नीचे गिर गई।

जब मैंने गेट खोला तो मैं तो मम्मी को देखती रह गई। मेरी मम्मी एकदम नंगी थी और नौकर संजय के गोद में थी। मैं ये नज़ारा देख के समज गयी कि दोनों सेक्स कर रहे थे।मैं अपने मम्मी को डटने लगी बोली कि मैं पापा को कह दूंगी। मम्मी कहने लगी कि तुम्हरे पापा को हमेसा बाहर रहते हैं। मेरे अकेले पन का सहारा संजय ही बन गया।

मेरी नज़र संजय के ऊपर गयी वो भी बिना कपड़ों के था। उसका लण्ड खड़ा था वो बोला की अगर तुम इस बात को कही बहार बोलोगी तो तुम्हरे घर की इज़्ज़त ही जयेगी। मैं खड़ी मम्मी से बात कर रही थी कि संजय उठ के मेरे पास आया और मुंझे पकड़ लिया। मेरी मम्मी को बोला कि तेरी बेटी भी जवान हो गयी है। तू बोले तो आज इसकी भी चूत को खोल दु। मेरी माँ हँसने लगी और बोली ली खोल दे आज न कल किसी न किसी से ये भी सेक्स करेगी।

मैं उससे छूटने लगी लेकिन वो मुझे कस के पकर लिया था। मुझे बेड पे धकेल दिया मैं हाथ पैर मारने लगी थी। मैं उंसने भागने की कोशिश में थी लेकिन मेरी मेहनत बेकार थी। मेरी मम्मी मेरा हाथ पकड़ी हुई थी और संजय मेरी तांग पकर के मेरी लोअर को निचे कीच दिया। ईधर मम्मी ने मेरी टीशर्ट को निकाल दिया। मैं एक जटके में ब्रा पैंटी में आगयी।

अब संजय मेरी टांगो को चुंमने लगा था। मम्मी अपनी जांघो के बीच मुझे दबाई हुई थी। उनके पकर से आई नही छूट सकती थी। अब संजय ने मेरी पैंटी को भी कीच दिया। मेरे ऊपर वो चढ़ गया था। मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे जिस्म को चाटने लगा। मैं भी उसके ऐसा करने से मदहोश हो गई थी। मम्मी मेरी हाथ को दबा के अपनी चूत मेरे मुह के सामने रख दी थी।

अब उन्होंने मुझे पलट दिया मैं बिल्कुल नंगी हो चुकी थी। संजय मेरे ऊपर आ गया और मेरी चुचियो को दबाने लगा था। मेरी चुचिया ज्यादा बड़ी नही थी लेकिन मेरी निप्पल्स को वो काट रहा था। वो चूमता हुआ मेरी चूत पे आ गया था। मम्मी मेरी हाथ को दबा के मेरी चुचियो को मसल रही थी। मैं अब छटपटाने बन्द कर दी थी। संजय मेरी चूत चाटने लगा था।

उसके ऐसा करने दे मैं जोश में आ गयी थी। अब वो मेरी मम्मी को बोला की इसको पकर के रखो अब इसकी सील तोड़ने वाला हूँ। मम्मी मुंझे कस के पकर ली थी संजय ने मेरी चूत पे लण्ड रख के अंदर पेल दिया। दर्द के मारे मेरी मुह खुली की खुली रह गई। मेरी आँखें बड़ी हो गयी थी ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत फट जयेगी।

मैं रोती रही त्रप्ति रही लेकिन मेरी मम्मी ने मेरी सील तुड़वा दी। अब संजय मुझे कस कस के चोद रहा था। उसका लण्ड एकदम तेजी से अंदर बाहर हो रहा था। संजय मुझे पलट दिया और मेरी पीछे से चुदाई करने लगा था। मम्मी अपना चूत में मुझ के पास लाके मुझे चटवा रही थी। मैं जब मना कर रही थी तो मुझे थप्पड़ लगा देती थी। इधर संजय चूत मारने में लगा हुआ था वो मेरी चुतरो पे थप्पड़ मार रहा था।

ऐसा 10 मिनट तक चोदने के बाद मैं झर गयी और मुझे अब मज़ा आने लगा था। मैं अब चुदने में विरोध नही कर रही थी। उसके कुछ देर बाद वो मेरी चूत में झर गया था। फिर हम माँ बेटी उस रात संजय से चुड़ते रहे वो कभी मेरी तो कभी मम्मी की चूत मारता था। फिर हम तीनों नंगे सो गए उस दिन मेरी मम्मी ने मेरी सील तुड़वा के मेरी वर्जिनिटी खत्म करवा दी थी।

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