पापा के दो दोस्तो ने मिल के मेरी चूत और गांड मारी

Family Sex Story – नमस्ते दोस्तो मैं रुबीना आ फिर से अपनी दूसरी कहानी लिख रही हूँ। जैसा कि मैंने पहली कहानी में बताया था कि मेरे पापा के दोस्त ने मेरी कमरतोड़ चुदाई कर दी थी। तो आज मैं फिर से अपनी एक रोमांचक कहानी लिख रही रही हूँ। जिसमे मेरे पापा के 2 दोस्तो ने मिल के मेरी चूत फार दी।

उस रात की सेक्स के बाद तो मेरे कमर में 3-4 दिन तक दर्द होता था। फिर मैं ठीक हो गयी थी। लेकिन अब एक बार लण्ड लेने के बाद मेरा कुछ दिन के बाद फिर से चुदाई का मन कर रहा था। मैं अब बस एक बॉयफ्रेंड के खोज में थी जो मेरी चुदाई कर सके। मेरे कॉलेज में कुछ लड़के भी थे। जब लेकिन अब तक बात नही बनी थी।

एक दिन मैं कॉलेज जा रही थी तभी वो अंकल मुझे रास्ते मे मिल गए जो मेरी चुदाई कर दिए थे। उन्हें देख के मुझे ख़ुशी भी और डर भी लगा। वो बोले कैसी हो मुझे पहचाना की नही, मैं बोली हा आप तो उस दिन चले गए लेकिन मेरी हालत खराब कर दी आपने वो बोले कि वो तुम्हरा पहली बार था इसलिए इतना दर्द हुआ अब नही होगा।

उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों उस रात के बाद फिर से मन नही किया है। मैं हिचकते हुए बोली करता है लेकिन , वो बोले तो जब करता है तो चलो मेरे साथ, मैं बोली कहा। वो बोले मेरे घर पे कोई नही है तुम मेरे साथ घर चलो कॉलेज खत्म होने के समय तुम्हे घर छोड़ दूंगा। मैं मान गयी क्योंकि की मेरा भी मन था चुदाई करने का, मैं उनके कार में बैठ गयी।

वो रास्ते में थे तभी किसी को कॉल किया और बोले कि तुम समान लेके आ जाओ। मैं सोची में पर गयी और थोड़ी डर भी रही थी। कुछ देर में उनके घर पाउच गयी। वो मुझे लेके अंदर गए और अपने रूम में ले जाके बैठा दिया। तभी उनका एक दोस्त आया जो मेरे पापा का भी दोस्त था। मैं उन्हें देख के चौक गयी अंकल बोले डरो नही ये हमारे साथ है।

लेकिन मैं मन ही मन डर रही थी। तभी उन्होंने एक बोलत निकली और बोले कि आज तुम भी पी लो। उन्होंने तीन पैक बनाया वो दोनो तो एक बार मे पी गए मैं जैसे जैसे कर के आधी पे मुझे अजीब लगा तो मैंने फेक दिया। मैं चुपके से उनके कान में बोली कि ये यहाँ क्यों आये है तो वो बोले आज ये भी तेरी चुदाई करेंगे। मैं तो ये सुन के डर गई।

आज दोनो मिल के मेरी चूत चोदने वाले है। अंदर ही अंदर मेरी हालत खराब हो रही थी। तबतक उन दोनों न दो दो पैक लगा लिया। तब अंकल मेरी पीठ पे हाथ डाल के सहला रहे थे। मुझे उनका चुना अच्छा लग रहा था। फिर दूसरे अंकल में पास आके बैठ गए और उन्होंने सीधा मेरी चुचियो पे हमला बोल दिया।

वो मेरी चुचियो को मसल रहे थे तब तक एक अंकल मुझे किश करने लगें थे। दोनो मेरे ऊपर बुके कुते की तरह टूट पड़े थे। उन्हें समय भी नही लगा और मेरी टॉप को उतार चुके थे। तभी दूसरे अंकल ने मेरी ब्रा पकड़ के एक जोर का जतका मार और ब्रा की स्ट्रिप टूट गई। उन्होंने ब्रा किचा और फेक दिया। वो ऐसे मेरी चुचियो को देख रहे थे जैसे कि खा जयेंगे।

अब दोनों अंकल अपना अपना कपड़ा उतारने लगें थे। वो दोनो पूरी तरह से नंगे हो गए और मेरी जीन्स को दोनो न पकड़ लिया। वो दोंनो मिल के एक बार मे मेरी जीन्स को कीच दिए। साथ मे मेरी पैंटी भी उतर गई। मैं उन दोनों के सामने एक नंगी हो गयी थी। दोनो अपना खड़ा लण्ड लिए मेरी ओर बढ़े। अब दोनों ने मेरे मुह में लण्ड को एक बार मे डाल दिया।

मेरा तो मुह भी उतना बड़ा नही था। ठीक से लण्ड अंदर भी नही जा रहा था और दोनो मेरी एक एक चूची को पकड़ के दबा भी रहे थे। मुझे तो उटली आ रही थी। तब पहले वाले ने अपना लण्ड निकाल लिया और वो मेरी चूत पे चले गए। वो मेरी चूत को चाटने लगे थे। दूसरे ने मेरी मुह में लण्ड अंदर बाहर कर रहे थे। वो मेरे सर पकर के आगे पीछे कर रहे थे।

इधर वो अंकल मेरी चूत में जीभ डाल के चाते जा रहे थे। उनके चूत चाटने से मुझे बहोत मज़ा आ रहा था। लेकिन दूसरे ने मेरी गले तक लण्ड को पेल देते थे, जिससे मुझे खासी हो जाती थी। अब उन दोनों ने अपनी जगह बदली और पहले वाले मेरे मुह में लण्ड पेल रहे थे तो दूसरा मेरी चूत को चूस रहा था। वो तो मेरी चूत चूस नही रह था काट रहा था। मेरी चूत के धार पे दांत गरा दे रहे थे।

मेरी चूत अब झरने वाली थी और एकदम से मेरे सरीर से धार निकली और उनके मुह पे सब पानी छोड़ दिया। वो उठ के मेरे चुचियो के बीच लण्ड डाल के आगे पीछे कर रहे थे। तब कुछ देर में पहले वाले अंकल मेरी मुह में झर गए। मैंने सारा रस बेड पे उगल दिया। मुझे घिन सी हो रही थी लेकिन वो दोनो के ऊपर तो हवस का भूत चढ़ा हुआ था। थोड़ी देर में दूसरे ने मेरी सीने पे लण्ड से धार निकली और मेरी गर्दन तक रस आ गया।

फिर उसने उसे साफ किया और हँसने लगे बोले अब इसकी चूत की खैर नही है। मेरा तो ये सुन के गांड फट रहा था कि अब तो असली दर्द होगा। पहली बार मे एक लण्ड से ये हाल हुआ था तो आज दो दो लण्ड से क्या होगा मेरा मैं तो सोच ली कि मैं बुरी फास गयी हूँ। आज तो ये दोनों मिल के मेरी चूत फाड़ देने वाले है।

तब दूसरे वाले ने मेरी चूत में लण्ड एक बार मे घुसा दिया। मैं दर्द से चीख परी लेकिन वह मेरी चीख सुनने वाला कोई नही था। वो लगातार मेरी चूत में धके दे रहे थे तबतक पहले वाले मेरी चुचियो को दबा के मुझे किश कर रहे थे। कुछ देर बाद वो बोले कि सिर्फ तू ही चोदेगा की मुझे भी करने देगा। दूसरे ने कहा आज तेरा ही माल है। मैं पीछे से काम चला लेता हूँ। मैं उस वक़्त ठीक से समझी नही थी।

उन्होंने मुझे अपने ऊपर ले लिया और लण्ड मेरी चूत में घुसा के धके दे रहे थे। इस तरह से मुझे अच्छा भी लग रहा था। मैं कुछ ही देर मजा ली थी कि तभी दूसरे ने मेरी पीछे बैठ गया और उसने तो मेरी गांड पे लण्ड रख दिया। मेरा तो डर से हालत खराब हो गया कि क्या ये मेरी गांड में लण्ड डालेगा। ऐसा ही हुआ वो मेरी गांड में लण्ड डाल दिया मैं जुख के पहले वाले अंकल पे गिर गयी।

उसने मेरी गांड मारनी सुरु भी कर दी थी। मेरी दर्द के तनिक भी एहसास नही था मैं तो बस जोर जोर चीला रही थी लेकिन दोनों मेरी चूत और गांड मारे जा रहे थे। ऐसे ही अदल बदल के चुदाई करते रहे थे। हर बार मेरी गांड या चूत में झर जाते कुछ देर मेरे जिस्म के साथ खेलने के बाद फिर से चुदाई करने लगते थे।

10 बजे से 3 बज चुके थे अब तक मेरी 7-8बार चूत और 5बार गांड मारी जा चुकी थी। मेरी हालत तो हिल पाने की भी नही हो रही थी। दोनो ने मिल के मुझे कपड़े पहना दिया। मेरा सरीर पूरा अकर रहा था। फिर उन्होंने मुझे एक दवा दी बोले कि इससे प्रेग्नेंट नही होगी तुम और दर्द कम होगा। थोरे देर मैं लेती रही फिर उन्होंने मुझे घर छोड़ दिया। उस दिन के बाद से मैं कभी उस अंकल से चुदने के लिए नही गयी।

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