दो अनजान मर्दो ने मिल के मेरी चूत फाड़ दी

Hindi Group Sex Story – मेरा नाम कविता है मेरी उम्र 27 साल है। मेरी सादी हो चुकी है और मैं अपने पति के साथ बहोत खुश भी थी। ये कहानी मैं इस लिए लिख रही रही हूँ क्योंकि की ये मेरे जिदंगी की एक रोमांचक सेक्स की घटना है। जिसमे मैंने दो अनजान मर्द के साथ सेक्स किया। उन दोनों ने मिल के मेरी चूत फार दी थी। इसलिए मैंने सोचा ये कहानी आप सबको भी बतायी जानी चाहिए।

एक बात मैं और मेरे पति मेरी एक दोस्त के सादी में गए हुए थे। वो मेरी बहोत करीबी दोस्त थी। हमने खाना ख़या और फिर जाने लगे तभी मेरी दोस्त ने मुझे रूक लिया। बोली कि रात भर रुको सुबह चली जाना। मुझे उसे मना करने में भी नही बन रहा था। मेरे पति बोले कि तुम रुक जाओ मैं तुम्हे कल बिदाई के बाद आके ले जाऊंगा।

मैं अब रुक गयी और सादी देख रही थी। 12:30 हो गया था मुझे अब नींद आने लगा था। सादी एक होटल में हो रहा था मैं सोची किसी रूम में जाके सो जाती हूँ। मैं ऊपर गयी तो अक्सर रूम में भरा हुआ था। तभी एक रूम खुला हुआ था उसमें कोई नही था। मैं सोची कोई नही है तो आराम से जाके सो सकती हूँ।

मैं आम रूम में सो गई तभी कुछ देर बाद उस रूम के बाथरूम से एक मर्द चढ़ी और बनियान में निकला। मैं तो उसे देख के डर गई उसकी नज़र सीधा मेरी चुचियो पे थी मैं उठी तो मेरी पल्लू नीचे गिर गयी थी। मैंने जल्दी से पल्लू ठीक किया। मैं बोली मुझे लगा यहाँ कोई नही है इसलिए आके सो गई और मैं उठ के जाने लगी।

तभी वो आदमी बोला कि जाने की क्या जरूरत है आप यही सो जाओ किसी पता भी नही चलने जा रहा है। इस कमरे सिर्फ हम दोनों है तो कोई दिक्कत की बात नही होगी। मैं बोली नही नही मैं जाती हूँ वो बोला कि मैं जाने दूंगा तब तो, मैंने तो गेट भी बंद कर दिया था। वो बोला आराम से आज हम दोनों प्यार भरी रात बिता लेते है। किसी को कुछ पता भी नही चलेगा और बारे प्यार से सब हो जयेगा।

मैं सोची की रात भर तो यही रुकना है अगर इसके साथ सो भी गयी तो क्या दिक्कत होगा। मैं फिर लेट गयी वो वैसे ही मेरे पास आ गया। वो मेरे से सट के सोया हुआ था। मैं उसके तरफ थी वो मेरी ओर था। उंसने मेरे बारे में पूछा मेरी तारीफ की मैं बहोत सुन्दर हूँ। उसने अपना नाम मदन बताया।

वो बात करते हुए मेरा हाथ पकड़ लिया और हाथ लेके अपने लण्ड को पकड़ा दिया। मैंने हाथ झटक दिया देखा तो उसका लण्ड चढ़ि से बाहर आ गया था। उसका लण्ड एकदम काला मोटा था। सच बोलू तो मेरे पति से काफी ज्यादा मोटा था। वो बोला अब देखो मन मेरा भी है तुम भी बस है कर के देखो आज रात कभी भूल नही पाओगी। पता नही क्या हुआ मेरे मन मे मैंने उसका लण्ड पकर लिया।

उसका हाथ मेरी चुचियो पे आ गया और उसने मेरी चुचियो को दबाना सुरु कर दिया। वो मेरे साथ किश करने लगा था। मैं ना चाहते हुए भी उसके साथ किश में लीन हो रही थी। अब उसने मेरी सारी को उतारने सुरु किया।
उसने धीरे धीरे मेरी सारी नीचे कर के मेरी ब्लाउज को खोल दिया और ब्रा के ऊपर से मेरी चुचियो को डाब रहा था। वो मेरे ऊपर आके मेरी कमर को पकड़ की सहला रहा था।।

मैं तो एकदम गर्म हो गयी थी मैंने उसकी बनियान खोल दी। उसने मेरी ब्लाउज को खोला फिर मेरी ब्रा को खोल दिया। मेरी चुचियो को कस के पकर के दबा रहा था। मानो जैसे वो आटा सान रहा हो। उसी तरह वो दबा दबा के मसल रहा था। साथ मे वो चूस भी रहा था। वो अब मुझे किश करता हुआ नीचे आ गया।

मेरी सारी को खोलने लग गया। उसने मेरे बदन से एक एक कर सारे कपड़े हटा दिए। मैं अब एकदम नंगी हो चुकी थी। वो भी बिलुकल नंगा हो गया था। अब उसने मेरी चूत को चाटना सुरु किया। मैं अब एकदम मदहोश हो गयी थी। वो जीभ डाल के चाटने लगा था मेरी पानी निकलने वाली थी। तभी रूम का किसी ने गेट नॉक किया। मेरी सब माधोसी एक बार मे उतर गई थी।

उसने बोला डरो नही मेरा ही साथी होगा। उसने आवाज दिया कि मैं चंदन हूँ वो समझ गया कि उसी का दोस्त आया है। उसने फट से जाके गेट खोल दिया। मैंने सारी उठा के खुद को धक लिया वो बोला कभी थ्रीसम की हो। आज हम तीनों मज़ा लेंगे मैं कुछ बोली और बस सोच में पढ़ गयी कि अब क्या होगा मेरा ये दोनों मेरी चुदाई करनेंगे।

समय न लगा और दूसरे व्यक्ति ने अपना सारा कपड़ा उतार दिया। अब दोनो मिल के मेरु चूत को चूसे जा रहे थे। मदन उठ के मेरे पास आया और मेरी मुह में लण्ड दे दिया। उसका लण्ड मेरी मुह में ठीक से आ भी नही रह था। तबतक दूसरा आदमी मेरी चूत चूस रहा था। दोनो मिल के मेरी बदन के साथ खेल रहे थे। ऐसा कोई अंग नही बचा था जहाँ उन दोनो ने मुह नही मार हो।

अब बारी मेरी चुदाई की थी, पहली बार मेरी दो लोगो ने चुदाई करने वाले थे। मदन तो मेरी चुचियो को दबा रहा था तबतक उसने आदमी ने मेरी चूत में लण्ड डाल दिया। वो अब चोदे जा रहा था उसके चोदने से मुझे मज़ा आ रहा था क्योंकि उतना लण्ड लेने का तो मुझे आदत था। अब दोनों अदल बगल कर के मेरी चुदाई कर रहे थे। जब जब मदन का लण्ड अंदर जाता तो थोड़ा दर्द होता था।

लेकिन अब मैंने उसे भी आराम से के रही थी दोनो चोदते चोदते मेरी हालत खराब कर चुके थे।जब मदन चोद रहा था तभी उस आदमी ने कहा कि साथ मे करे मैं समझी नही उनसे मदन के साथ साथ अपने लण्ड को भी चूत में डालने की कोसिस करने लगा। मैं मन करती रह गयी लेकिन वो नही सुना और थोड़ा अंदर गया कि मेरी चूत से खून आ गया था। दर्द के मारे मेरी जान जा थी। मैं जोर जोर से रो रही थी।

दोनो साथ मिल के लण्ड डाल के चोड रहे थे। 2-3मिनट की ऐसी चुदाई से मेरी चूत फट गई थी। ऐसा दर्द तो मेरी पहली चुदाई में भी नही हुआ था। फिर आखिर में दोनो ने मेरे मुह पे मूठ मार दिया। मुझे वैसे ही लेता छोड़ के दोनों चले गए। मैं जैसे तैसे कर के गेट लॉक कर के रूम में सो गई। सुबह जब नींद खुली तो दोस्त की बड़ाई होने वाली थी। तबतक मेरे पति भी आ गए थे। मुझे तो ठीक से चलने में भी नही हो था । ये चुदाई मैं कभी भूल नही सकती हूँ।

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