मकान मालिक की बीवी के साथ सेक्स

तो कैसे आप लोग, उम्मीद करता हु सब अचे होंगे और चुदाई का मज़ा ले रहे होंगे। तो मैंने भी सोचा क्यों न मैं भी अपनी एक चुदाई की दासता आपके सबके साथ शेयर करू। जिनमे मैंने अपने मकान मलिक की बीवी को अन्तर्वासना चोद के संतुष्ट किया। (Antarvasna Hindi Sex Story)

दोस्तो मेरा नाम रवि है, मैं यूपी के बरैली जिले का रहने वाला हूं।मेरी उर्म अभी 24 वर्ष है।दिखने में मैं नार्मल बन्दों की तरह हूँ।लेकिन मैंने अपनी बॉडी पे बहोत ध्यन दिया है। मेरी बॉडी बिल्कुल मेन्टेन है अच्छी खासी चौरी छाती साथ मे एब्स बना रखे है। मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी थी। मुझे दिल्ली से जॉब के लिए ऑफर भी आया, एक प्राइवेट कंपनी में। मैंने अपने घर मे कहा कि मेरी दिल्ली में जॉब लग गयी है, तो मैं वही रहूंगा।

मेरे भईया ने कहा ठीक है, मैं वहाँ तुम्हरे रहने का उपाय कर देता हूं। मैंने कहा नही भईया मैं वहाँ रूम ले लूंगा। तो भईया कहने लगे तुम टेंशन न लो मेरा एक दोस्त दिल्ली में है रहता है। जहाँ तुम्हरी जॉब लगी है। मैं मन है मन सोच रहा था कि अब दिल्ली जेक खूब मस्ती करूँगा लेकिन यहाँ तो भैया मेरे ऊपर नजर रखे रहेंगे। अब वो भैया का दोस्त था तो मेरी खबर उनको देता रहता। मैं जाना नही चाहता था लेकिन मम्मी पापा ने भी समर्थन किया और मुझे मौजबुरन जान पड़ा।

कुछ दिनों के बाद मैं दिल्ली पाऊच गया, वहा भैया ने पहले से अपने दोस्त से बात कर ली थी। भैया ने मुझे एड्रेस दे दिया था तो मैं उनके घर पाउच गया। मैंने गेट नॉक किया तो एक औरत निकली, वो थी तो सादी सुदा लेकिन उनकी उम्र महज 28-30के बीच की होगी।मैंने उनसे पूछा क्या ये सुधीर जी का घर है। तो उन्होंने ने कहा हा, बोलिये’ मैंने कहा मैं रवि हूँ। मेरे भैया ने कॉल किया होगा, वो मेरे बारे में जानती की मैं आने वाला हु। वो बोली हा अंदर आओ, मैं अंदर गया घर काफी अच्छा था।

भैया के दोस्त के घर मे उनकी बीवी, उनके माता पिता और एक 2 साल का बच्चा था। मुझे मेरे कमरा मिल गया जोकि काफी अच्छा था, उनके छत पे वो कमरा था। जहाँ मैं अकेले रहता था। सुधीर जी जो मेरे रूम के मालिक थे और साथ मे भैया के दोस्त भी तो मुझे किसी तरह की तकलीफ नही होती थी। मैं उन्हें भी भैया कहता था। उनकी पत्नी अक्सर कुछ न कुछ बना के मेरे रूम में दे जाया करती थी। हमारे बीच अछि बात चीत होने लगी थी और मैं उनके फैमिली से अच्छा घुल गया था।

अब मै आपको सुधीर भैया के पत्नी के बरे में बता दु,जिन्हें मैं भाभी कहता था। उनका नाम शिला था, उनकी उम्र 28 साल थी। दिखने में एकदम गोरी सेक्सी फिगर पतली कमर गोल मटोल बारे बारे चुचिया। कुल मिला के भाभी एकदम पटका थी। जिन्हें देख कोई भी लड़का फिदा हो जये। जैसे मैं पहले दिन से है देख के उनपे फिदा हो गया था। यह कहानी आप भाभी की चुदाई पर बढ़ रहे है

एकदिन हुआ यूं कि शाम का समय था मैं अपने आफिस से आके बेड पे लेता हुआ था। गर्मी बहोत थी तो मैं अपना ऊपर का सारा कपड़ा उतार दिया था। बस एक हाफ पैंट पहन के मोबाइल चला रहा था। तबि भाभी अचानक मेरे रूम में खाने के लिए कुछ लेके आ गयी। मैं झट से उठा तो मेरी भाभी से नज़र नही हट रही थी और न भाभी की मेरे ऊपर से, क्योंकि मेरे बॉडी को देख भाभी बस मुझे घूर रही थी। और मै भाभी को क्योंकि वो ब्लैक नाइटी में कमाल लग रही थी। मन तो किया अभी यही रूम में पटक के चोद दू।

कुछ पल के बाद मैंने बोला भाभी आज आप क्या लेके आई है, वो बोली वो नास्ता था तुम्हरे लिये। उसके बाद मैंने उनसे वो लिया और रख के सुक्रिया बोला कि आप मेरे लिए इतना करती हो। तो वो बोली नही इसमें सुक्रिया की क्या बात क्या बात वैसे तुम मेरे देवर हो, तो देवर के लिए इतना बनता है। उसके बाद उन्होंने कहा वैसे तुमने बॉडी काफी अछि बना रखी है। मै बोला बस वो डेली जिम जाता हूं तो बन गयी है। भाभी मेरे नजदीक आयी और मेरे एब्स को चुने लगी मेरे सरीर में तो करंट दौर गया। उन्होंने कहा बहोत सॉलिड है, तो मैंने कहा पूरा सरीर ही सॉलिड हो गया है। वो मेरा इसरा समाज गयी और हस के चली गयी।

मैं समझ गया कि भाभी के ऊपर थोड़ा ध्यन दिया जये तो बात बन सकता है। मैं भाभी को चोदने के बारे में सोचने लगा , लेकिन कोई मौका नही मिल पा रहा था। एक दिन दिन हुआ यूं कि भाभी घर मे अकेली थी। मैंने सोचा यही मौका अच्छा है। उस दिन मैंने अपने आफिस से छुट्टी ले ली। कुछ देर बाद भाभी देखी की मैं आफिस नही गया हूं तो वो मुझसे पूछने आ गयी कि आज आफिस नही गए। मैं बोला हा भाभी आज छुटी है। बस अब खाना बनाने जा रहा हु, तो भाभी बोली बनाने की जरूरत नही तुम्हरे लिए मैं बना दूंगी आज।

मैंने पूछा आज घर मे कोई नही दिख रहा कहा गए सब, तो उन्होंने बताया कि सब गऊ गए है घूमने शाम तक आ जयेंगे। मैं मन ही मन सोचने लगा शाम तक मौका है मेरे पास, जो करना है आज ही करना होगा। थोरे देर बाद मैं नाहा के भाभी के घर में गया। गेट खुला हुआ था तो मैं बिना नॉक किये अंदर चला गया और इधर उधर देखा तो भाभी नही दिखी। उसके बाद मैं सीधा किचन की ओर गया तो देखा भाभी खाना बना रही है।

भाभी ने अपना पल्लू कमर में खोस रखा था, उनकी पतली चिकनी कमर देख मेरे मन मे जोश आ गया और मैं सीधा पीछे से जाके उनको पकड़ लिया। वो चौक गयी और पीछे मुरी तो देखी मैं हूँ। फिर वो बोली आप हो मैं तो दर ही गयी थी। मैंने कहा सोचा आज भाभी आज अकेली है तो उनके साथ कुछ मस्ती किया जये। वो बोली अच्छा ऐसी बात है।

पहले मैं खान बना लू तो जो मस्ती करनी है करना, मुझे उन्हें छोड़ने का मन नही था लेकिन वो बोली कि अब छोरो मुझे और तुम बाहर बैठो मैं खाना लेके आती हूँ। मैं बाहर बैठ के इंतज़ार करने लगा। थोरे देर बाद भाभी खाना लेके आयी। हम दोनों साथ मे बैठ के खाने लगे, मैं तो भाभी को ही घूरे जा रहा था।

भाभी बोली ऐसे क्या देख रहे हो, मुझे ही खाओ गे क्या ,मैं बोला वो क्या है कि आप हो इतनी हॉट की आपसे नज़र नही हट रही। आप इजाजत दे तो आपको भी खा जाऊ। भाभी बोली पहले चुप चाप खाना खाओ। फिर हमने कहना खत्म किया भाभी बर्तन लेके किचन में चली गयी। मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया।

भाभी बर्तन धो रही थी, मैं पीछे से गया और उनका कमर पकड़ लिया और बोला भाभी अभी मेरा पेट नही भरा है। आज मेरी सालो की भूख आप मिटा सकती हो। और उनके गर्दन पे किश कर दिया। भाभी को भी अच्छा लगा और बोली आगे की खातिरदारी बेडरूम में,

मैं बेड पे लेट गया 2 मिनट बाद भाभी आयी रूम में, वो गेट पे खरे हो गयी और अंगराई लेने लगी। फिर उन्होंने अपना पल्लू नीचे गिरा दिया। मुझे ये नज़ारा देख रहा नही गया। मैं बेड से उठा और उन्हें अपनी बाहों में ले लिया। उनके हॉट को चुसने लगा। भाभी बिना झिझक के मेरा साथ दे रही थी। क्योंकि वो भी मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी।

उसके बाद मैंने उन्हें गोद मे उठाया और बेड पे लिटा दिया। मैंने अपना शर्ट खोल दिया और उनके ऊपर लेट गया। मैं उनके पूरे सरीर को चूमने लगा। मैं चूमता हुआ नीचे गया और उनके नाभि को चूमा। मेरे चूमते ही भाभी सिसक गयी। और भाभी की उतेजना और भी बढ़ गयी।

उसके बाद मैंने उनकी ब्लाउज को खोल दिया और उतार के फेक दिया और मैं उनके बूबस को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा। मैंने समय न बर्बाद करते हुए, उनके ब्रा को भी खोल दिया और उनके दोनों चुचियो को आज़ाद कर दिया। उसके बाद मैं जोर जोर से दबाने लगा और चुसने लगा। भाभी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। और चुदने को बेताब हो रही थी।

फिर मैं किस करता हुआ नीचे गया और उनकी सारी को पूरी तरह उतार दिया। उसके बाद मैंने उनकी पेटीकोट में हाथ डाला तो देखा पेंटी पूरी गीली हो चुकी है। मुझे लग गया कि भाभी एक बार झर चुकी है। फिर मैंने उनकी पेटीकोट को भी खोल दिया और साथ मे पेंटी भी उतार दिया।

भाभी मेरे सामने एकदम नंगी सोई थी, भाभी बोली अब और न रोको अपने लण्ड को मेरे चूत में ठोको। भाभी की ये बात सुन मुझे मज़ा आ गया और मैंने अपना पैंट उतार दिया और भाभी के ऊपर लेट गया। मैंने उनकी तांग फैला दी और अपने लण्ड को उनके चूत पे टिका दिया। और एक जोर का धका लगया तो आधा लण्ड अंदर चल गया । भाभी के मुह से आह निकली और बोली आराम से करो। मैंने झट से एक और धका लगया और पूरा लण्ड अंदर पेल दिया ।

उनको थोड़ा दर्द हुआ,क्योंकि मेरे लण्ड बहोत तगड़ा था और मैंने बहोत जोर से पेला था। उसके बाद मैंने उनके दोनों टांगो को उठा दिया और उन्हें चोदने लगा। भाभी भी पूरे माज़े ले रही थी। उसके बाद लगभग मैंने उन्हें 30 मिनट चोदा। और उनके अंदर ही झर गया । तबतक भाभी भी झर चुकी थी। उसके बाद मैंने उनकी 3 बार और चुदाई की फिर हम दोनों थक गए थे। तो मैं कुछ देर वही लेता रहा। तबतक शाम हो चुकी थी और उनके घर वाले भी आने वाले थे तो मैं अपने रूम में चला आया। उसके बाद हमे जब भी मौका मिलता हम सेक्स कर लेते है। और अक्सर भाभी किसी न किसी बहाने मेरे रूम में आती रहती है

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