नौकरानी के साथ जबरदस्ती सेक्स किया।

Hindi Sex Story – नमस्ते, मैं अनुराधा आज आपके सब हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वालों के साथ अपनी साथ हुई एक सेक्स की कहानी बताने वाली जो आपको पढ़ के काफी रोमांचक लगेगा। मैं मुम्बई के बांद्रा के छोटे से चॉल में रहती हूं। मेरी उम्र अभी 21 साल है। हम बहोत गरीब परिवार से है, मेरे पिताजी मजदूरी करते है और मेरी माँ बरे घर मे नौकरानी का काम करती है। वो सुबह को जाती तो शाम को अति थी। जिस घर मे काम करती थी वहाँ उन्हें अच्छा पैसा मिलता था। हम दो बहन थे जो घर पे ही रहते थे।

एक दिन मेरी माँ की तबयत बहोत खराब हो गयी, वो 2 दिन काम पे नही गयी तो उनके मालिकन का फ़ोन आया कि तुम अगर काम पे नही आओगी तो मैं किसी और को रख लेती हूँ। मेरी न कहा कि कल से मेरी बेटी आपके यहाँ जयेगी। मेरा जाने का मन तो नही था लेकिन घर के हालत के कारण जाना पड़ा।

मैं उनके घर गयी तो घर बहोत अच्छा था। मलिक और मालिकिन बहोत खड़ूस थे।उन दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होते रहता था। बस पैसा अच्छे देते थे इसलिए मजबूरी में काम करना पड़ता था। वो दोनों काम करते थे इसिलए घर का पूरा काम करना होता था।

उस सुबह मैं उनके घर गयी और उन्होंने ने मुझे काम बता दिया क्या क्या करना है। मालिकन 9 बजे ऑफिस के लिए निकल जाती थी उसी के थोरे देर बाद मालिक भी जाते थे।दिन भर घर का काम करना होता था। मैं रोज सुबह 7 बजे पाउच जाती थी। जब शाम को दोनो आ जाते तो मैं आती थी।

मैंने ध्यन दिया कि वो जो मालिक थे वो मेरी तरफ अजीब नज़र से देखते थे। एक दिन जब मालिकिन चली गयी थी वो मेरा हाथ पकड़ लिए और अजीब सी बात करने लगे। मैं वहाँ से चली गयी, मैं मजबूरी में काम कर रही थी मेरी माँ के ठीक होते ही मैं नही जाती।

रोजना की तरह एक दिन मैं समय से गयी मैंने सब काम किया दोनो को खाना दिया। थोरे देर बाद मालकिन चली भी गई मैं मालिक का टिफ़िन लगा रही थी, तो वो किचन में आके बोले कि मैं आज ऑफिस नही जा रहा हूँ मेरी तबयत ठीक नही है। वो बोले मेरे लिए एक चाय बना के रूम में ले आओ।

मैं चाय लेके रूम में गयी वो बोले तुम भी बैठो थोड़ा मुझसे बात कर लो कितना काम करती हो। तुम्हे तो इस उम्र में मौज मस्ती करनी चाहिए। तुम अपनी जवानी का मज़ा लो और दूसरों को भी दो। मुझे उनकी बातें अच्छी नही लग रही थी।

वो बेड से उठ के मेरे पास आ गए और मेरे हाथों को पकड़ के बोले तुमरी इस नरम हाथ काम करने के लिए नही है। तुम इतनी खूबसूरत हो इस खूबसूरत चेहरे का फायदा उठाओ। मैं उनसे छूटना चाह रही थी तो वो मुझसे जबरदस्ती करने लगे। मुझे दीवाल में टिका के मुझे दीवाल से सटा के मुझे चूमने लगे। मैं उनकी पकड़ से छूट नही पा रही थी। जौसे तैसे कर के मैं उनसे हटी की और भागी की वो पीछे से मेरे सूट को पकड़ लिए।

मेरी सूट की चैन खुल गयी वो मुझसे बोले कि तुम प्यार से मान जाओ नही तो तुम नौकरी से जाओगी साथ मे तुम्हरे ऊपर चोरी का इल्जाम लगा के तुम्हे पुलिस में डाल दूंगा। मैं डर गई और उनसे बोलने लगी कि मुझे जाने दो।

वो मेरी सूट को कीच के सामने से नीचे कर दिए और मुझे बेड पे धकेल के मेरे ऊपर कूद गए। वो मेरी चुचियो को दबोच लिए और ब्रा को फार दिए। मैं अपने हाथों से अपने चुचियो को छुपा रही थी। वो मेरी हाथ को हटा के मेरी मेरी चुचियो को चुसने लगे। मैं उन्हें हटाने की कोसिस कर रही थी लेकिन वो बहोत हत्थे कथे थे। उनका वजन मुझे दबे हुआ था। मैं चाह के भी कुछ कर नही पा रही थी। उनके अंदर को जंगली जानवर घुस गया था।

वो अब मेरी सलवार को खोलने लगे और नीचे कीच के मेरी चूत को सहलने लगे। मुझे बहोत अजीब सा होने लगा था। मुझे उनका वैसे सहलने अच्छा लग रहा था। अब वो खरे हो गये और अपना कपड़ा उतार के फिर से मेरे ऊपर लेट गए। वो मेरे हाथ पकड़ के अपने लण्ड पे दिया। मैं तो उनके लण्ड को देख के डर गई।

खीरे की तरह मोटा लंबा लण्ड था। वो बोले चल अब इसे चूस मैं बोली मुझसे नही होगा। कि वो मेरे मुह को पकड़ के अपना पण्ड मेरी मुह में जबरदस्ती पेल दिया। मुझे सास लेने में नही हो रहा था। अब वो अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगे ऐसा 10मीन करते रहे और वो मेरी मुह में ही अपना रस गिरा दिए। मुझे उल्टी सी आ रही थी।

अब वो बोलये की अब तेरी चूत मरूँगा मैं, वो पहले मेरी चूत में एक उंगली डाल दिये और बोले अबे साली तू तो सील पैक माल है। तेरी चूत बहोत टाइट है। इस बात के मैं तुम्हे 5000 दूंगा आज तुमने मुझे खुश कर दिया है। काफी समय के बाद ऐसी चूत मरूँगा। वो अपने लण्ड को मेरी चूत में घुसाने लगे और मेरा दर्द बरने लगा। जैसे लग रहा हो की आज मेरी चूत फट जयेगी। लेकिन उन्हें इससे कोई मतलब नही था वो अपना पूरा लण्ड अंदर डाल चुके थे। मुझे दर्द से बुरा हाल हो गया था ,मैं तड़प रही थी मेरी चूत से खून निकल आया था। लेकिन मालिक तो बस अपने जोश से पेले जा रहे थे।

कुछ देर के बाद मुझे आराम हुआ और मुझे भी अच्छा लगने लगा था। लेकिन थोड़ा सा दर्द हो ही रह था। वो अब पूरे तेजी में चोद रहे थे। मैं झर चुकी थी लेकिन उनका नही हुआ था और वो जोरजोर से धका दिए जा रहे थे। कुछ देर बाद वो भी पस्त हो गए और मेरे ऊपर लेट गए।

उसके बाद तो वो रुकने के नाम नही लिए। उस दिन मेरी उन्होंने चूत फार दी थी। कभी खड़ा के चोदते तो कभी कुतिया बना के तो कभी गोद मे उठा के पेल देते। उन्हें जैसे मन किया वैसे वो मेरे सात खेल रहे थे। मेरी चूत तो सूज गयी थी। शाम तक वो करते रहे और मालकिन के आने से पहले मुझे कहा अब तुम जा सकती हो। मैं जैसे तैसे अपने घर गयी। ऐसी दर्दनाक चुदाई मैं कभी नही भूल सकती हूँ।

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