Savita Bhabhi Ki Chudai – नमस्ते दोस्तो मैं जय प्रकाश आज आप सभी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी पढ़ने वालों के सामने हाज़िर हूँ मैं अपनी भी एक कहानी के साथ जिसमे मैंने अपने दोस्त की बीवी के साथ सेक्स का आनंद उठाया। मेरी उम्र अभी 28 साल है । मैं शिमला में रहता हूँ। वहाँ मैं एक कंपनी में जॉब करता था। कंपनी ने मुझे काम के सिलसिले में दिल्ली भेजा था। तो मैंने सोचा क्यों न अपने दोस्त के रूम पे ही चला जाय बहोत दिन हो गए मिले हुए भी, मैंने उसे कॉल किया वो ख़ुशी ख़ुशी बोला हा यार जल्दी आज और एक दिन एक्स्ट्रा लेके आना।

अगली सुबह मैं दिल्ली पाउच गया और पहले तो मैंने अपना आफिस का काम खत्म किया उसके बाद मैं अपने दोस्त के घर पाउच गया। मैंने गेट नॉक किया तो उसकी बीवी गेट पे आयी। मैं कुछ देर तो उन्हें देखता ही रह गया। भाभी एकदम हॉट गर्म मसाला की तरह थी। मेरी नज़र उनसे नही हट रही थी वो बहोत खूबसूरत थी। मैं उन्हें पहली बार देख रहा था क्योंकि मैं उनकी सादी में नही आ सका था। भाभी के बारे में मैं अच्छे से इंट्रोडक्शन दे देता हूँ।
भाभी जी का नाम सविता था। उनकी उम्र लगभग 27-28की होगी। उनका फिगर 34″ 28″36 का होगा। उनकी वो मटके जैसी कमर और सीने पे दो उभरे हुए चुचिया क्या गजब की माल थी भाभी। उनका गोरा बदन और माखन से कोमल त्वचा जिसे देख कोई बूढ़े मन की वासना बढ़ जये। मैं तो फिर भी एक जवान मर्द था। वो काम करती हुई आयी थी तो उनके कमर में उनका पल्लू खोसा हुआ था। उनकी नाभि दिख रही थी। मैं तो उसी समय सोच लिया की अब तो भाभी को चोद के यहां से जाऊंगा।
भाभी ने मुझे अंदर बुलाया,तभी मेरा मेरा दोस्त आ गया। उसने मुझे बोला कि आने में इते देरी क्यों कर दी तो मैं बताया कि काम खत्म कर के आया हूं। तब हम दोनों मिल के बात कर रहे थर तभी भाभी चाय लेके आयी। ऐसे ही बात चीत करते हुए शाम हो गयी। हम साथ बैठ के खाना खा रहे थे। मेरे दोस्त न कहा कि खाओ तुमरी भाभी ने बारे प्यार से बनाया है। मैं मन ही कह रहा था मेरा मन तो भाभी को खा जाने को है।। मैं भाभी को घूर रहा था ये बात भाभी ने नोटिस कर लिया। जब मैं हाथ धो रहा था तो भाभी ने मुझसे पूछा कि ऐसे क्यों देख रहे थे आप। तो मैं बोला कि आप बहोत खूबसूरत हो आपकी सुन्दरता देख रहा था। भाभी हस के बोली अच्छा भाभी के ऊपर ध्यन दिया जा रहा है।
मैं रात को सोने तो आ गया लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी। मैं तो बस भाभी के बारे में सोच रहा था। अगली सुबह हुई तो मेरा दोस्त आफिस निकल रहा था। वो तुम आज घर पे रुको मैं हाफ टाइम कर के आ जाऊंगा। मेरी भी बस शाम को थी तो मैं रुक गया। मैं सोचा यही कुछ समय है मेरे पास भाभी को चोदने का , अब ये चाहे जैसे हो। मेरा दोस्त चला गया। अब घर मैं ओर भाभी थे।
भाभी किचन में काम कर रही थी। मैं जब उन्हें ढूंढ़ते हुए गया तो भाभी की कमर और गण्ड देख मेरा लण्ड खरा हो गया। मैं चुपके से पीछे गया और भाभी की कमर पे हाथ फेरने लगा। भाभी चौक गई, मैं उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके पीठ को चूमने लगा। वो बोली छोरो मुझे नही मैं तुम्हरे दोस्त को सब कह दूंगी। मैं कह अब अब तुम जिसे भी कहा दो लेकिन मैं तुम्हे चोदे बिना नही छोरूँगा। मैंने उसकी चुचियो को पकड़ लिया और दबाने लगा। मैंने अपना खड़ा लण्ड उनकी गण्ड में टिका दिया।
उसके बाद मैंने उन्हें पलट दिया और वो कुछ बोलती उसे पहले मैंने उन्हें किस करना स्टार्ट कर दिया। वो मुझसे छूटना चाह रही थी लेकिन मैंने पकड़ बना ली थी। अब मैं उनकी गर्दन तो चूमने लगा। वो बोली जय ये ठीक नही कर रहे हो। मैं बोला भाभी सब सही है बस आप मेरा साथ देते रहो। किसी को कुछ पता नही चलेगा और मैं आपको चरमसुख प्रदान करूँगा।
वो बोली कि इसी जगह सब करोगे की रूम में चलोगे।मैंने उन्हें अपने गोद मे उठा लिया और उनके कमरे में ले गया। अब उनके भी मन आ गया था कि आज एक नया लण्ड ले लू। मैंने उन्हें बेड पे लिटा दिया और उन्हें पागलो की तरह चूमने लगा। वो अब मदहोश होने लगी थी। मैं उनकी साड़ी को उतारने लगा वो जैसे मेरी बीवी हो उसी तरह लग रही थी। अब मैंने धीरे धोरे कर के उनके सारे कपड़े खोल दिये और अपने कपड़े भी उतार दिए।
मैंने बोला मेरे लण्ड चुसने तो वो मना करने लगी। तो मैंने भी ज्यादा जिद नही किया। मैंने उनकी चूत पे अपना लण्ड रखा और धीरे धिरे अंदर डाल दिया। भाभी की चूत ज्यादा टाइट नही थी। लेकिन उन्हें चोदने में मज़ा बहोत आ रहा था। भाभी मुझे पूरा मजा दे रही थी और मैं भाभी को, दोनो एक दूसरे की कामवासना को मिटा रहे थे। मैं जोर से धका लगा रहा था और भाभी मज़े ले रही थी। कुछ देर बाद मेरा पानी आने वाला था तो भाभी ने कहा कि अंदर मत डालना तो मैं बाहर निकल के उनकी चूत के ऊपर गिरा दिया।
उसके बाद हम 3 बार और सेक्स किये और उस दिन सेक्स का भरपूर आनंद उठा रहे थे। भाभी आज से पहले कभी इतना मज़े से नही चूडी थी। हमे सेक्स करते हुए काफी समय हो गया भाभी बोली कि अब उनके आने का समय हो गया है। तब हम अपना कपड़ा पहन के रेडी हो गए। मेरा दोस्त कुछ देर आया लेकिन उसे कोई एहसास भी नही हुआ। उस दिन बाद से अब कभी ऐसा मौका नही मिला मुझे।
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