कोचिंग में शिक्षक ने स्टूडेंट के साथ किया सेक्स

Teacher Sex Story – नमस्ते सभी हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वालो को, मैं महेश प्रशाद आज आपको सबके साथ मैं भी अपनी जिंदगी की एक रंगीन कहानी पेस करने जा रहा हु। मैं अब तक बहोत सारी अन्तर्वासना और कामवासना की कहानियां पढ़ चुका हूँ। तो मेरे मन मे भी ख्याल आया कि आज अभी जिंदगी की एक हसीन सेक्स स्टोरी आप सबके साथ शेयर की जये।

मैं पेसे से एकं शिक्षक हूँ। मेरी उम्र 38 साल है,मैं प्रयागराज में रहता हूँ और वही एक कमरा लेके कोचिंग क्लास चलता था। मैं 9 से लेके 12 तक के बचो को पढ़ाया करता था। मेरे क्लास के ज्यादा नही बस 10-15 बी बच्चे थे।। जिनमें कुछ लड़के कुछ लड़कियां भी थी। कुछ लड़कियां जो 11वी और 12वी में थी वो बड़ी थी और जवान हो चुकी थी। जिन्हें देख मेरा मन मचल जाता था। लेकिन मैं कभी कुछ कर नही सकता था।

उन्ही में से थी एक लड़की सुप्रिया वो 12वी में थी। जो अपने उम्र से काफी बड़ी लगती थी। उसके चुचिया बहोत बारे बारे थे। एकदम गोलमटोल नारियल की तरह थे। वो काफी सुन्दर भी थी और शरीर से थोड़ी हेल्दी भी थी। लेकिन उसका फिगर आग लगने वाला था। वो जब चलती थी तो उसकी मटकती हुई गांड देख मेरा लण्ड भी खरा हो जाता था। आप सब सोच रहे होंगे मैं शिक्षक होके कैसी बाते कर रहा हूँ। लेकिन मैं भी इंसान हूँ मेरे अंदर भी भवना जगती है।

एक दिन हुआ कि बारिश का मौसम था। जब 12वी के बचो के आने के समय हुआ तो बारिश सुरु हो गया। उस दिन कोई बच्चा नही आया।
कुछ देर बाद सुप्रिया भीगती हुई आयी। वो आयी देखी कोई नही आया है तो बोली मैं भी जाति हूँ। लेकिन मैं बोला जब इतना भींग के आ ही गयी हो तो कुछ पढ़ लो। वो बोली मैं घर से निकल गयी थी तब बारिश सुरु हो गई तो सोची चली ही जाती हूँ। मैंने कहा अच्छा किया किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई नही छोड़नी चाहिए।

वो पूरी तरह से भींग चुकी थी। उसने पिंक कलर का टीशर्ट पहना था। जिसमे उसकी ब्रा साफ पता चल रही थी। उसे देख मेरा लण्ड खरा हो गया था। मैंने अपना पैर टेबल पे रख दिया। सुप्रिया मेरे बगल के बेंच पे बैठी थी। उसने मेरा खरा लण्ड पता चल गया और वो अपनी नज़रे नीचे कर ली। मैंने समझ रहा हु आज तुम्हरा ध्यन पढाई नही है कहि और है। वो कुछ नही बोली मैं उठा और उसके पीछे जाके बोला तो आज क्या पढ़ा दु तुम्हे, वो किताब खोलने लगी।

मैं बोला चलो आज मैं तुम्हे सेक्स की पढ़ाई पढ़ता हूँ। वो चौक गयी ,मैं बोला मेरा मतलब है बायोलॉजी पढ़ता हूँ। तुम किताब नही निकालो मैं ऐसे ही बताता हूँ। मैं उसके कंधे पे हाथ रख दिया और सहलने लगा। वो थोरे से मेरे हाथ रखने से हिचक रही थी लेकिन बोल नही रही थी कुछ भी, उसे बोला रिप्रोडक्शन में पेनिस और ओवरी वर्क करती है। फिर उससे बोला कभी पेनिस देखी हो तो वो बोली किताब में, वो जानती सब कुछ थी लेकिन अनजान बन रही थी।

मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने लण्ड पे सटा दिया और बोला यही पेनिस है और इसे लण्ड कहते है। उसने अपना हाथ झटक लिया। मेरे अंदर की कामवासना जाग गयी थी मै अब खुद को रोक नही सकता था। मैंने उसके चुचियो को जोर से दबा दिया। उसके मुह से आह की चिक निकली। मैंने उसका मुह बन्द किया और उसके बूब्स को मसलने लगा। उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोला सर् ये आप ठीक नही कर रहे हो।मुझे जाने दो। लेकिन मैं नही सुनने वाला था। मैंने उसकी टीशर्ट ऊपर कर दी।

वो रोने लगी थी लेकिन उस समय मेरे अंदर सेक्स का भूत सवार था। मैंने उसकी टीशर्ट ज़बरदस्ती निकल दी। उसे बेंच पे लिटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा। उसके बाद मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी। बहार जोरो की बारिश हो रही थी तो कोई आने वाला था नही, मैं 5 मिनट तक उसकी चुचियो के साथ खेलता रहा उसके पूरे बदन को चूमने के बाद वो भी अब मदहोश हो गयी थी और सेक्स के लिए तैयार हो गयी थी।

अब मैंने अपना पैंट खोल दिया और उसकी जीन्स को भी खोलने लगा। वो हाथ पैर मार थी तो मैंने एक थप्पड़ लगया और बोला कि या तो प्यार से सब कर लो नही ज़बरदस्ती करने पड़ेगा मुझे, वो रोते हुए मान गयी। मैंने उसकी जीन्स खोल दी और पेंटी भी साथ मे, उसकी चूत पे हलके स्व बाल थे। मैंने एक उंगली अंदर डाली तो चूत बहोत टाइट थी। मैंने उसे अपने कुर्सी पे बैठा दिया और उसके टैंगो को फैला दिया। मैं उसकी चूत में जीभ डाल के चाटने लगा। वो सुप्रिया भी गर्म हो गयी थी और सेक्स के लिए तर्प रही थी।

मैंने अब उसकी चुदाई की सोची उसे टेबल पे लिटा दिया। उसके टैंगो को फैला के उसके चूत में अपना लण्ड डालने लगा। उसकी चूत बहोत टाइट थी तो धीरे धीरे लण्ड अंदर जा रहा था। उसे बहोत जोर से दर्द होने लगा था। वो दर्द से चटपट कर रही थी। एक दो बार अंदर बाहर करने के बाद उसके चूत का मुह खुल गया। मैंने जोर जोर से अंदर बाहर करना सुरु कर दिया। उसकी चूत की सील टूट गई थी। वो रो रही थी मैं उसे चोदे जा रहा था, वो बार बार रही थी दर्द हो रहा निकाल दो। लेकिन मै पेले जा रहा था।

किचा देर चुदाई करने के बाद उसे आराम हुआ और वो अब बस आह आह कर रही थी। 30 मिनट तक मैंने उसे ऐसे ही चोदा तब जाके मैं पास्ट हो गया और उसकी चूत में झर गया। तबतक वो भी झर चुकी तज। उसके बाद मैंने उसे कुर्सी पे बिठा के तांग ऊपर कर के एक बार चोदा। उसे बेंच पे आरा के पीछे से उसकी चूत मारी। तबतक बारिश भी खत्म हो गया था और उसके क्लास का टाइम भी, उस दिन के बाद वो दुबारा कभी कोचिंग नही आई।

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