Antarvasnax story –सभी चूत की रानी और लण्ड के राजा को मेरा नमस्कार है। मैं नमन आप सभी हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ने वालों के सामने मैं भी अपनी एक सेक्स की कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। मैं पहली बार कोई सेक्स की कहानी लिखने वाला हूँ। अब सब पढ़ के बताना की आपको ये कहानी कैसी लगी।
बात ये कुछ महीने पहले की है, मैं अपने परिवार के साथ गौ से शहर रहने आया था। मेरी नौकरी एक सरकारी स्कूल में हो गयी थी। मेरे पापा भी स्कूल में पढ़ते थे। हम एक किराए के घर मे रह रहे थे। हमारे घर के के बगल में एक और फैमिली रहती थी। हमारे घर और उनका घर एकदम लगा हुआ था। परसो के घर मे एक भाभी रहती थी। जोकि देखने मे बहोत मस्त थी।
मैं जब भी स्कूल के लिए जाता तो वो अपने बालकनी में रहती थी। मैं उन्हें देखता वो मुझे लेकिन न मैं उन्हें टोकता न वो। जब शाम को छत पे होता तो वो भी आ जाती थी। उसकी मेरी मम्मी से हल्की कभी कभी बात ही जाती थी लेकिन मुझे सब बात करने का कोई मौका ही नही मिलता था। मैं दिल ही दिल के उनको पसन्द करने लगा था।
अब मैं जब भी सुबह निकलता तो वो बालकॉनी में रहती और मुझे एक प्यारी सी स्माइल दिया करती थी। मैं भी उन्हें देख के स्माइल किया करता था। ये तो मैं समझ गया था कि वो भी मेरे से बात करना चाहती है। एक दिन मैंने उनको छत पे देखा मैंने मौका देख के अपना नंबर लिख के उन्हें फेक दिया। वो हस के मेरे नंबर उतया और निचे चली गयी।
शाम का वक़्त था उस वक़्त तो उनका कोई कॉल नही आया लेकिन मुझे पक्का विस्वास था की वो कॉल करेगी। रात के 11 बजे मेरा फ़ोन बजा नम्बर नया था तो मैं समझ गया कि वही होगी। उसका कॉल उठते ही मैंने उसका नाम पूछा उंसने अपना नाम सिमा बताया। हम काफी देर बात किये बात करते हुए पता चला कि उसके पति फौज में है। वो भी मेरे से बात करने का सोच रही थी लेकिन घर वालो के कारण कुछ नही बोल रही थी।
उस दिन के बाद से हम दोनों अक्सर बात करने लगे थे। हम दोनों के बीच प्यार का संबन्द बन चुका था। लेकिन वो मुझसे कही मिल नही सकती थी। वो घर से बहार भी जाति तो अकेले नही होती थी। हम दोनों के बीच के प्यार अब सेक्स के ओर बढ़ चला था। जब रात को उसके घर सब सो जाते थे तो वो मुझे वीडियो कॉल किया करती और अपनी चुचिया और चूत के दर्शन करा देती थी।
मैं अब उसे चोदने को बेताब हो रहा था। मैंने एक प्लान बनाया की उसे अब बोला कि आप रात को जब सो जयेंगे तो छत पे आ जाना।वो भी मान गयी क्योंकि उसे भी सेक्स की बूख लगी हुई थी। मैंने घर मे बोला कि आज बहोत गर्मी है मैं छत पे सोने वाला हूँ। अब मैं छत पे सोके इंतज़ार करने लगा था।
कुछ देर बाद भाभी छत पे आगयी। उन्होंने मुझे अपने छत पे बुलाया क्योकि वो मेरे छत पे नही आ सकती थी। मैं अपना चादर लेके उनके छत पे चला गया। भाभी उस चाँदनी रात में बहोत खूबसूरत दिख रही थी। मैंने उन्हें गले लगा लिया और फिर उनको चूम लिया।भाभी बोली जल्दी से कर लो नही टो कोइ आ सकता है। उनका कहना सही था क्योंकि उनके और मेरे घर मे बहोत लोग भी थे। हम काफी रिस्क लेके चुदाई करने का सोच रहे थे।
भाभी ने अपना नएटी ऊपर कर दिया और बोला जल्दी से चोद लो मुझसे रुका नही जा रहा है। मैंने भी अपना पैंट खोल दिया मैंने भी जान के चढ़ि नही पहनी थी उनकी चूत को देख मेरा लण्ड खरा हो चुका था। मैंने चादर बिछा के उन्हें लेता दिया और लण्ड उनकी चूत में समा दिया। भाभी कोई आवाज नही निकली बस सिसक के रह गयी। मैंने अब चुदाई सुरु कर दी थी। लेकिन जमीन होने के कारण मेरे घुटनो में दर्द हो रहा था।
मैंने उन्हें छत के दीवाल के सहारे खरा कर दिया उनकी नएटी ऊपर कर के चुदाई सुरु कर दिया। अब हमरे सेक्स में बस थप थप की आवाज आ रही थी। भाभी का मुह खुला हुआ था लेकिन वो कुछ बोल नही रही थी बस सेक्स का आनंद उठा रही थी। मैं उसी तरह उनकी 15 मिनट तक चुदाई करता रहा और फिर मैं झरने वाला था तो लण्ड बाहर निकाल के झार दिया।
लेकिन इते से न मेरा मन भरा था न ही भाभी का मन, तो मैंने तकिया पे बैठा के कुटिया बना के चोदना सुरु कर दिया। मेरा लण्ड भाभी को चोद के तृप्ति कर रहा था। इस मैं काफी देर तो उनको चोदना लगा था। काफी दमदार चुदाई के बाद मैं झरने वाला था लण्ड बहार निकाल के माल गिरा दिया। उसके बाद भाभी नीचे चली गयी और मैं अपने छत पे चला गया।
उस दिन के बाद से मैं और भाभी काफी बार वैसे ही सेक्स कर चुके है।