Bhabhi ne driver k sath mitai antarvasna

Antarvasna – नमस्ते दोस्तो, मैं गुड्डू आप सबको आज मैं अपनी सेक्स की एक रोमांचक कहानी बताने वाला हूँ। जिसमे मैंने अपने मालिक के पत्नी के साथ सेक्स किया है। मैं राजस्थान के एक छोटे से गौ का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र अभी 29 साल है। कुछ ही दिन पहले मेरी शादी हो गयी,लेकिन मैं कुछ कामता नही था। औऱ घर चलाने के लिए तो पैसों की जरूरत होती ही है। मेरे गौ में ऐसा कोई काम भी नही था। क्योंकि की खेत मे मेहनत मजदूरी मुझ से नही होने वाली थी। कुछ दिन ऐसे ही बीत गए ।

सेहर में मेरा एक मित्र रहता है, राजू वो वही काम करता है। तो मैंने उसे ही बोला कि मुझे भी काम दिलवा दो। तो उसने कहा तुझे तो कार चलानी अति है। तू सहर में वही क्यों नही कर लेता उसके तुझे अचे पैसे मिलेंगे। तू बोल तो मैं अपने फैक्ट्री के मालिक से बात करू। मैंने हा कह दिया अगले ही दिन उसने बोला कि मैंने अपने मालिक से बात कर ली है।

तुम कल ही मेरे साथ चलो, मैंने भी यहाँ गऊ में मौजदूरी करने से तो अच्छा ही है। अगले ही दिन मैं सहर पाउच गया, और अपने दोस्त के मालिक से मिलने चला गया। फैक्ट्री गया तो उसके मालिक ने कहा तुम्हे रोज मेरे घर से फैक्ट्री लेके मुझे जाना है, और शाम को लेके आना है । बीच मे जहा बोलू चलना होगा। बदले में तुम्हे 15 हज़ार का महीना मिलेगा। मैंने तुरन्त हा कह दिया, सोचा मेहनत भी कम है और पैसे भी अचे मिल रहे है।

अगले दिन से मुझे काम पे आना था। सहर में रहने का कोई ठिकाना नही था तो मैं अपने दोस्त के रूम में ही रहने लगा। कल होक मैं उनके घर पाउच गया। मालिक को मैं भैया कह के बुलाता था। उन्होंने मुझे घर के अंदर बुलाया और बोला कार की चाभी ले लो और पार्किंग से कार निकाल के घर के आगे लगा दो।

उनका घर बाहर से बहोत अच्छा था, तो अंदर से और भी होगा। मैं में उनका इंतज़र करने लगा। अब मेरा रोज का काम था कि 8 बजे उनके बच्चों को स्कूल छोड़ना फिर घर आके 10 बजे मालिक को लेके फैक्ट्री जाना, और फिर दिन में बच्चों को स्कूल से लाना और शाम को मालिक को घर लाना। बाकी समय मैं बैठा रहता था।

एक दिन ऐसे ही मैं फैक्ट्री के बाहर कार में बैठ के आराम कर रहा था, तभी मालिक ने फोन किया और बोला कि घर चले जाओ उनके पत्नी को बाजार जाना है। मैं उनके घर चला गया, मैं पहली बार उनकी पत्नी को देख रहा था। वो तो किसी हीरोइन जैसी लग रही थी। एकदम गोरी गोरी सुंदर अप्सरा के जैसी,उनकी उम्र 30-32साल होगी।

उनका फिगर बहोत मस्त था। उनका साइज 32″28″34होगा। वो उड़ते हुए सारी में अति हुई। उन्हें आते हुए देख मैं तो दीवाना से हो गया। वो कार में आके बैठ गयी और बोली बाजार चलो । कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम नए ड्राइवर हो क्या ? मैं बोला हा कुछ ही दिन पहले मैं काम पे आया हूँ।

फिर वो बोली कि तुम्ही बच्चों को लेने आते हो। मैंने हा कहा तो वो बोली कि तुम इतना लेट क्यों कर देते हो उन्हें स्कूल जाने में देरी होती है। तो मैने कहा कि वो आपके घर से मैं बहोत दूर रहता हूँ इसलिए आने में देरी हो जाती है। उसके बाद बाजार का काम करवा के उन्हें घर छोड़ दिया।

अगले दिन मालिक ने मुझसे कहा की तुम्हे आने में देरी हो जाती है। तुम ऐसा करो कल से यही रहा करो तुम्हे आने जाने का परेशानी नही होगा और समय पे भी आओगे। तुम्हरा खाना पीना भी यही होगा। मैंने सोचा अच्छा ही है वहाँ से बेहरत है। साथ मे आने जाने के पैसे भी बच सकते है। उस दिन से मैं उनके घर पे ही रहने लगा और ये मेहरबानी उनकी पत्नी के कारण हुई थी। उनका घर अंदर से तो और भी अच्छा था लेकिन मैं बाहर के कॉटेज में रहता था। मुझे कोई दिक्कत नही थी क्योंकि मेरे गौ से काफी अच्छी व्यवस्था थी।

एक दिन मालिकिन को लेके मैं बाजार गया रास्ते मे उन्होंने मुझसे पूछा सदी हो गयी तुम्हरी, तो कहाः हा हो गयी है। फिर वो बोली और बच्चे, तो मैंने बताया कि सदी के कुछ दिन के बाद ही पैसे कमाने के लिए मुझे सहर आना पड़ा तो उन सब का मौका नही मिला। फिर वो बोली तो तुम्हे अपनी पत्नी की याद नही आती है। मैं बोला अति तो है लेकिन क्या क्यों मजबूरी है पैसा को , अब सादी हो गयी है तो उसकी जरूरत भी मुझे पूरी करनी होगी।

अचानक मालकिन ने मुझसे कहा कि तो क्या तुमने अभी तक सेक्स नही किया है। ये बात सुन मुझे बहोत अजीब लगा,लेकिन मै भी सरमाया नही और बता दिया कि गौ की एक छोरी के साथ किया है। फिर वो बोली मैं भी इस सुख से काफी दिनों से वंचित हूँ। मैंने पूछा क्यों, तो वो बोली कि आपके भैया जो है वो तो फैक्ट्री के काम मे लगे रहते है और रात को आते है तक हर के सो जाते है।

उस दिन के बाद से मालिकन मेरी ओर कुछ अजीब सा व्यवहार हो गया था। दिखने में मैं उतना अच्छा नही था लेकिन सरीर से काफी हटा कटा था।वो मुझसे काफी सारे बाते शेयर करने लगी थी। एक रात भैया और भाभी को किसी पार्टी में जाना था तो मैं लेके जाने वाला था। उस रात भाभी को देख मैं तो देखता ही रह गया भाभी बहोत खूबसूरत लग रही थी। वो ब्लैक कलर के गाउन पहनी हुई थी, जिसमे वो हूर की पारी रही थी।

भाभी आयी और मुझसे पूछा कि कैसी लग रही हूँ, मेरे मुह से निकल गया सेक्सी लग रही हो। फिर मैंने सोचा ये क्या कह दिया कहि इन्हें बुरा लग जये लेकिन वो हस के बोली अच्छा ऐसा है, तुम्हरे भैया को तो दिखता ही नही है। उस रात के बाद तो भाभी में मेरे मन को भा गयी थी।

एक दिन मालिकिन मुझे कहा कि भैया को फैक्ट्री छोड़ने के बाद अपने भाभी के पास आ जाना मुझे कुछ काम है। मैं भी भैया को फैक्ट्री छोर के भाभी के पास चला गया और पूछा क्या काम है भाभी। वो बोली तुम बैठो मैं थोरे देर में अति हूँ। कुछ देर बाद वो एक वेस्टर्न ड्रेस पहन के बाहर आई मैं तो उन्हें देखता ही रह गया। वो बहोत ही हॉट लुक में थी। उनके बदन की खुशबू मेरे तक आ रही थी और मुझे मदहोश करने लगी थी।

वो मेरे पास आई और सोफे पे एक पैर रख के बोली आज बताओ कैसी लग रही हूँ। मैं बोला कि भाभी आज तो आप जानलेवा हो, कोई भी हो आपको देख के उसका मन बहक जयेगा। वो बोली और तुम्हरा मन नही बहक रहा है। अब मैं क्या बोलता की मेरे मन तो अभी आपको चोद देने का कर रहा है।

उसके बाद भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे लेके बेडरूम में ले गयी ।उनका रूम भी किसी होटल के रूम से कम नही था। उन्होंने मुझे बेड पे धकेल दिया, मैं बोला भाभी क्या कर रही हो आप। वो बोली जो लर रही हूँ उसमे मेरा साथ देते जाओ। आज मैं तुम्हरे अपने अंदर की अन्तर्वासना मिटाना चाहती हूँ। और तुम भी अपनी बहोत दिनों के भुख को मिटा लो। मैं मन ही मन तो उन्हें चोदने की सोच रहा था। यहाँ तो मुझे सामने से ऑफर मिल गया।

मैंने कुछ नही बोला, भाभी मेरे ऊपर लेट गयी और मेरे होटो पे होठ रख के मुझे चूमने लगी। मैं भी उनके बालो के हाथ डाल के उन्हें चूमने लगा। उसके बाद भाभी धीरे धीरे मेरा शर्ट खोलने लगी। मेरे सीने पे कंधे पे काटने लगी, वो किसी जंगली बिली की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी थी। वो अपनी बरसो की वासना मेरे साथ मिटना चाह रही थी। जिसमे मैं उनका साथ दिए जा रहा था।

उसके बाद मैं उठा और उनके ड्रेस के कि चेन को खोल दिया और ड्रेस नीचे गिर गया। अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी। जिसमे में वो आइटम बम की तरह थी। हमने फिर से एक दूसरे को चूमने स्टार्ट कर दिया। वो उसके बाद नीचे की ओर गयी और मेरा पैंट खोलने लगी। उन्होंने मेरा पैंट खोल के नीचे उतार दिया साथ के चढ़ी भी खोल दी।

मैं बिल्कुल नंगा हो चुका था। और मेरा मोटा तगर लण्ड खरा हो गया था। जो भाभी को चोदने को बेताब हो रहा था। भाभी ने कहा तुम्हरा समान तो बहोत मोटा और बहोत बड़ा है। वो मेरे लण्ड को मुह में ले ली और एक कुतिया की तरह चुसने लगी। कुछ देर चुसने के बाद मैं उन्हें मुह में सारा रास छोर दिया और वो उसे पी भी गयी।

अब मैं उनका ब्रा और पेंटी को भी खोल दिया। मैं उनके चुचियो के साथ खेलने लगा और जोर जोर से दबाने लगा। मैं उनके चुचियो पे पागलो की तरह टूट पड़ा था। तब वो बोली कि ऊपर ही माज़े लोगे या नीचे भी कुछ करोगे। उसके बाद मैं उनकी चूत पे गया जहाँ एक भी झट नही थे। मैंने अपना एक बार मे ही पूरा लण्ड अंदर पेल दिया। उनके मुह से हल्की सी आह निकली। मैं अपने पूरे दम से उन्हें पेल रहा था। वो मेरे साथ पूरा माज़े उठा रही थी,मैं भी जोर जोर के धके लगा रहा था। कुछ देर में मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में पिरो दिया। वो भी झर के थक गई थी और मैं भी, मैं उनके बगल के लेट गया।

थोरे देर में ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया अब भाभी मेरे लण्ड के ऊपर आ गयो और मेरे लण्ड अपने चुट में घुसा दिया। और उछल उछल के चुदने लगी। उसके बाद हम बिना रुके एक दूसरे के अन्तर्वासना को मिटाने लगे। लगातार 4 घंटे की चुदाई के बाद हम तक गए थे और बच्चों के आने का टाइम भी हो गया था। तो हम अपना कपरा पहन के बाहर निकल गया। उस दिन के बाद से जब भी हमे मौका मिल जाता हम सेक्स कर लेते थे।

दोस्तों ये मेरी अन्तर्वासना की कहानी आपको कैसी लगी आप हमे कमेंट करके जरूर बातये और अगर आपको ये अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़कर मज़ा आया तो इस भाभी की चुदाई को आप दोस्तों के बिच शेयर करना न भूले.

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