जीजा ने साली को 3 महीने तक चोदा

Jija Sali ki Chudai (Family Sex Story) – हेल्लो मेरा नाम है अक्षरा मेरी उम्र अभी 21 साल है। मैं एक जवान सुन्दर हसीन और बहोत ही हॉट लड़की हूँ। मेरे ऊपर काफी लड़के लट्टू रहते थे। लेकिन मैं किसी को भौ नही देती थी। मुझे कोई ऐसा पसन्द नही आया था जो मेरा दिल जीत सके। मेरी बहोत सारी दोस्त के बॉयफ्रैंड थे और वो उनके साथ सेक्स का मज़ा लेती थी। मेरा भी मन सेक्स करने को था लेकिन मुझे कोई उपाय नही मिल पाता था।

अब हुआ ये की मेरी कॉलेज भी ख़त्म हो गयी थी। मेरी दीदी की शादी हो गयी है और उनको अब बच्चा भी होने वाला था। उनका छटा महीना चल रहा था। दीदी जीजा के साथ अकेले रहती थी तो मुझे उनका देख रेख करने के लिए 3-4 महीने के लिए जाना था। मैं अगले ही दिन दीदी के यह चली गयी।

मुझे लेने स्टेशन पे जीजा आये हुए थे। मैं तो उनकी पहले से दीवानी थी। वो एकदम मस्त गबरू जवान मर्द थे। उनका उम्र अभी 28 साल ही हुआ था। मेरी और जीजा की बहोत अच्छी जमती थी। हम दोनों के बीच अक्सर हसी मज़क होता रहता था। कभी कभी तो मेरे साथ छेड़ छाड़ भी करते थे मुझे ये सब अच्छा भी लगता था।

मैं अब दीदी के यहाँ रहने लगी थी। ज्यादा तर काम मैं ही कर दिया करती थी। मेरे जीजाजी तो दीदी के पेट से होने पे भी उनके साथ रोमांस करना नही छोड़े थे। एक दिन हुआ ये की दीदी और मैं पहले उठ के नास्ता तैयार कर रहे थे। तो दीदी बोली जाओ जीजाजी को उठा देने के लिए। मैं उतने गयी तो उनको हाथ पकड़ के हिला रही थी उन्होंने तो मुझे ही कीच लिया।

उन्हें लगा उनकी पत्नी है मेरी चुचिया उनके सीने में दब गई थी। मेरी सासे और उनकी सासे तकरा रही थी। तभी वो बोले कि मुझे लगा तुम्हरी दीदी है। लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे नही छोड़ बोला कि तुम भी तो मेरी आधी घर वाली हो। मुझे और कस के पकड़ लिए और मेरी गाल पे किश कर दिए। मुझे ये अच्छा लग रहा था।

ऐसे बहोत समय वो मेरे साथ मस्ती करते और ये चीज़ मुझे उनके करीब लेता जा रहा था। एक दिन मैं दीदी का एक सूट पहनी हुई किचन में काम कर रही थी। जीजाजी पीछे से आये और मुझे पकर के मेरी गर्दन पे किश कर दिए। फिर उन्हें एहसास हुआ कि मैं हु तो वो बोले ऐसा रहा था किसी दिन ऐसा न हो कि कांड हो जये।

मैंने भी बोला तो कर दीजिए न वो मेरा इसरा समझ गए। बोले अब अभी यहां तो नही रात की मिलता हूँ रूम में तुम्हरे, मुझे पता था कि जबसे दीदी पेट से हुई है तबसे उन्होंने सेक्स नही किया होगा। मेरी सेक्स की अन्तर्वासना को दूर करने के लिए जीजाजी से अच्छा कोई नही हो सकता था। क्योंकि मैं धीरे धीरे उनको पसन्द करने लगी थी।

रात के 11 बज रहे थे, मैं सोई नही थी कुछ देर बाद मेरा रूम का गेट नॉक हुआ। मैं समझ गयी कि जीजाजी होने दीदी के सो जाने के बाद वो चुपके से आ गए थे। मैं उनको देख के खुश हो गयी थी। जीजाजी शॉर्ट और गंजी में थे। मैं नाईट ड्रेस की लोअर टीशर्ट में थी। उनको अंदर बुला के गेट बन्द कर दिया।

मैं उनके गले लग गयी उन्होंने ने भी मुझे कस के गले लगा लिया था। हम दोनों एक दूसरे को कातिलाना नज़रो से देख रहे थे। एक बार मे हम दोनों के एक दूसरे को किस कर लिया। हम दोनों लिप किश किये जा रहे थे। दोनो के हाथ के दूसरे को चूमते हुए बेड पे जा गिरे। मैं उनके ऊपर थी मैंने महसूस किया कि उनका लण्ड खरा हो गया है।

जीजाजी ने मुझे पलट दिया और मेरी चुचियो को दबाने लगे। वो किस करते हुए मेरी गर्दन पे मेरे कंधों तक आये फिर मेरे सीने को चुंमने लगे। मैं मदहोश होती जा रही थी। उन्होंने मेरी टॉप के बटन को खोल दिया। मैं अंदर ब्लू ब्रा में थी। मेरी टॉप को खोल के मेरी सीने पे किश करते हुए मेरी नाभी में चले गए थे। वो अपना जीभ मेरी नाभि के छेद में डाल रहे थे। मैं सिहर उठी थी।

जीजाजी मेरे बदन के साथ खेल रहे थे मैं तो पागल हुई जा रही थी। अब उन्होंने अपना गंजी खोल दिया। वो अपना शॉर्ट्स खोल दिये और उनका लण्ड देख के तो मेरा होश उड़ गया। वो लंबा मोटा लण्ड मैं सोची की अगर ये मेरी चूत में गया तो मेरी तो चूत ही फट जयेगी। अब वो मेरा लोअर नीचे कीच दिए साथ मेरी मेरी पैंटी भी खुल गयी।

मुझे उठा के मेरी टॉप उतार के फेक दिए और मेरी ब्रा को खोल चुके थे। ब्रा नीचे गिरा और वो मेरी चुचियो पे टूट पड़े। दोनो चुचियो को कस के दबा रहे थे उन्हें चूस रहे थे ऐसा लग रहा जैसे वो मेरी चुचियो को खा जयेंगे। मेरी निप्पलों के पकर के काट लेते थे। वो चुचियो को ऐसे दबा रहे थे मानो वो कोई बैलून हो जिसे उनको फोरने का मन है।

वो किस करते हुए मेरी गर्दन से मेरी होठ पे आ गए थे। नीचे उनका लण्ड मेरी चूत की छेद पे आ गया था। उन्होंने इसरा किया कि दाल दु क्या मैंने भी हामी भरी और वो लण्ड को अंदर धकेल दिए। हाये मेरी तो जैसे चूत फट गई हो ऐसा दर्द हुआ। मैंने बोला निकाल लो बहार दर्द हो रहा हैं लेकिन वो कहा सुनने वाले थे वो एक और जोर का जतका दिए और लण्ड पूरा अंदर घुस गया।

वो बोले इतने दिनों के बाद लण्ड को चूत में डाल के बहोत सुकून मिला है। आज तेरी जी भर के चुदाई करूँगा। उसके बाद तो जीजाजी मेरी चूत में लागतार धके देने लगे। उस दिन मेरी चूत की धज्जियां उड़ने वाली थी। जीजाजी अपना 6 महीने की बूख को मिटाने वाले थे। उनके हर के धके से मेरे सरीर हिल से जा रहा था।

वो मेरी टांगो को फैला के मूसलाधार चुदाई किये जा रहे थे। कुछ देर बाद मैं झर गयी थी मैंने कस के उनको पकर लिया। अब मुझे आराम मिला था और मज़ा भी आ रहा था। अब मैं वर्जिन भी नही रही थी। उसके बाद 10 मिनट और चोदने के बाद जीजाजी मेरी चूत में पास्ट हो गए। मुझे लगा मेरी चूत में कोई गर्म माल गिर गया हो।

कुछ देर वो मेरी चुचियो और बदन के साथ मज़े ले रहे थे। कुछ देर उनका मूड फिर से बन गया था। अब वो मुझे पलट के पीछे से मेरी कमर पकर के मेरी चूत में लण्ड पेलने लगे थे। मुझे चुदने में मज़ा आने लगा था। जीजाजी अपनी महीनों की बूख मिटा रहे थे। मुझे चोद के उन्हें चर्मसुख मिल रहा था। उनके अंदर की कामवासना अभी भी सांत नही हुई थी।

उस रात उन्होंने मेरी 5 बार अलग अलग तरीके से चुदाई की थी। उस दिन के बाद से मैं हर 2-3 के बाद उसने चुदने लगी थी। 3महीनों में तो मैं चूड़ककर हो गई थी। जीजाजी अब तक मेरी गांड भी मार चुके है मैं उनका लण्ड चुस्ती हूँ वो मेरी चूत को चूसते है। जब तक दीदी को बच्चा नही हुआ मैं उनसे चुदती थी। हम जब भी मौका मिलता 1 बार सेक्स कर ही लेते थे।

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