पापा के दोस्त ने मेरी कमरतोड़ चुदाई करी

Free Sex Kahani – हेल्लो दोस्तो मेरा नाम रुबीना है। मेरी उम्र अभी 19 साल है, मैं एकदम जवान सेक्सी लड़की हूँ। मेरा बन्द एकदम भरा हुआ है मेरी फिगर 32″28″34 की है। दिखने में एकदम गोरी और सुंदर भी हूँ। कोई भी मर्द या लड़का मुझे देख के चोदने को करने लगता है।

मैं अन्तर्वासना और कामवासना की सेक्स कहानी पढ़ने की शौकीन हूँ। मैं रोज रात को मस्तराम हिन्दी सेक्स कहानी देसी कहानी इत्यादि पढ़ा करती थी। मुझे सेक्स की पूरी जानकारी थी लेकिन मैंने अब तक सेक्स नही किया था।लेकिन मैं सेक्स करने की बेताब थी। मैं चाहती थी कि मेरी पहली चुदाई किसी मोठे तगड़े लण्ड से हो।

मेरी बहोत सारी दोस्त थी जो आपके बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स कर चुकी थी। वो अपने सेक्स के बारे में मुझे बताती थी। मुझे ये सब सुन के सेक्स करने को मन करने लगता था।मैं घर आके सेक्स की कहानियां पढ़ के अपने चूत में उंगली कर के खुद को शांत करती थी। लेकिन इससे कब तक होता मेरा भी मन लण्ड लेने को था। मैं सोची की बॉयफ्रैंड बना लू लेकिन कोई ऐसा लड़का नही मिल रहा था जो मेरी उम्मीद पे खड़ा उतरे।

ये कहानी जो मैं लिख रही हूँ ये एक साल पेहले की है। एक दिन मेरे पापा अपने एक दोस्त के साथ घर आये। वो उस दिन दोस्त के साथ दारू पीने वाले थे। दोनो गॉर्डन में बैठ के दारू पे रहे थी। तभी पापा ने मुझे पानी लेके बुलाया। मैं जब पानी लेके गयी तो पापा के दोस्त मुझे घूर के देख रहे थे। वो एक हत्थे कथे आदमी थे। मैं पानी देखे चली आयी।

दोनो दारू पीने में लगे हुए थे मेरी मम्मी सो गई थी। मैं अपने बालकनी में बैठी हुई थी तभी पापा के दोस्त गार्डन के कोने में आये। मैंने उन्हें देखा कि वो पैंट से लण्ड निकाल के मूत रहे थे। उनका लण्ड खरा था,उनका लण्ड एकदम तगड़ा था। मैं तो देखती रह गयी मुझे ऐसे ही किसी लण्ड से चुदाई करने का मन था। तभी उनकी नज़र में ऊपर आ गयी मैं जल्दी से रूम में भाग गई।

रात के 12 बज रहे थे मुझे नींद नही आई थी। मैंने खिड़की से देखा तो मेरे पापा गार्डन में ही बेहोश थे। उनके दोस्त वहा नही थे तभी कुछ देर बाद मेरे रूम का गेट नॉक हुआ। मुझे लगा मेरी मम्मी होगी मैंने गेट खोला की तभी मेरे पापा के दोस्त गेट पे थे। वो मेरे रूम में आ गए मैं उनसे बोली अंकल आपको कुछ चाहिए क्या वो बोले है तुम चाहिए। मैं बोली मैं कुछ समझी नही तो वो बोले कि अब तुम बच्ची नही हो जो तुम्हे कुछ समझ नही आये

वो बोले तुम बहोत सुन्दर हो हसीन हो जवान भी हो। मैं तुम्हरे साथ आज रात बिताना चाहता हूँ। तुम्हरी माँ सो चुकी है और पापा तुम्हरे बेहोश है। मैं बोली कि मैं ये नही कर सकती मैं कभी ऐसा नही किया है मैं उस तरह की लड़की नही हूँ। लेकिन मन ही मन मुझे भी उस रात चुदने को मन हो रहा था। अंकल बोले आज न कल तुम्हे ये करना ही होगा आज मैं तुम्हे वो सब महसूस करा देता हूँ।

मैं कुछ नही बोल रही थी अंकल ने रूम का गेट बंद कर दिया। मैं हल्का पीछे हो गयी वो मुझे पकड़ लिए। मैं तो बस उनके सीने तक आ रही थी। उन्होंने मुझे उठा के मेरे होठो को चूम लिया। वो चूमते हुए मुझे बेड पे ले गए। उनका एक हाथ मेरी चुचियो पे आ गया था। वो पागलो की तरह मुझे चुम रहे थे। साथ मे वो मेरी चुचियो को भी मसल रहे थे। मैं मदहोश होती जा रही थी।

उन्होंने मेरी टीशर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी चुचियो को दबा रहे थे। उनका लण्ड खरा ही गया था जो मुझे महसूस हो रहा था। तभी वो मुझे चूमते हुए निचे गए और मेरी घाघरे को निचे कीच दिया। मैं अंदर पैंटी नही पहनी हुई थी। पहली बार मैं किसी मर्द के सामने नंगी हुई थी। मुझे सरम आ रही थी। वो मेरी चूत पे हाथ फेरने लगे। मैं एक कामुक आवाज निकाल रही थी।

अंकल नशे में थे लेकिन सेक्स के लिए आतुर हो गए थे। अब उन्होंने मेरी टीशर्ट को खोल दिया था। मेरी ब्रा में से चुचियो को निकाल के चुसने लगे। मैं मोअन कर रही थी मुझे अच्छा लग रहा था। वो एक चूची को दबाते तो दूसरी को चूसते थे। मैंने अपनी ब्रा की हुक खोल के ब्रा खोल दिया। अब मैंने उनकी शर्ट की बटन को खोल दिया।

उनके सीने पे बहोत बाल थे वो उठ के आप अपना पैंट भी खोल दिये। उनका लण्ड मेरा सामने था। वो एकदम मोटा तगड़ा लण्ड था। उनके लण्ड के अगले बगल बहोत बाल थे। वो मुझे अपने लण्ड को चुसने की बोलये तो मैंने मना कर दिया। वो मेरे मुह के पास आ गए और मेरे मुह को पकड़ के मुह में लण्ड पेल दिए। मुझे बहोत गंदा लग रहा था लेकिन वो कुछ नही समझ रहे थे। वो तो बस मेरे मुह में लण्ड को पेले जा रहा थे।

कुछ देर के बाद वो लण्ड निकाले तो मेरी सास में सास आयी। अब वो मेरी चूत की चुदाई करने वाले थे। वो मेरी चूत पे आ गए और मेरी टांगो को फैला दिया। उन्होंने लण्ड रख के एक बार मे चूत में धकेल दिया। मुझे तो लगा कि मेरी जान निकल गईं। किसी ने मेरे चूत में गर्म लोहा डाल दिया हो ऐसा लग रहा था।

दर्द के मारे मेरा बुरा हाल था मैंने उनसे बोला कि रुक जाने लेकिन वो नही सुने वो लगातार धके देते रहे थे। मेरी चूत से खून निकल के उनके लण्ड पे लग गया था। उन्होंने मेरी चूत की सील टोरी थीं। वो ऐसे ही चोदते रहे मैं छटपटाती रही उन्हें एकदम भी दया नही आई। उनके अंदर तो जैसे हैवानियत सवार हो गया था।

अब उन्होंने ने मुझे गोद मे बिठा लिया और मुझे चोदने लगे थे। वो ऐसे ही चोड रहे थे कि तभी मेरी चूत पानी छोड़ने वाली थी मैंने उन्हें कस के पकर लिया और पानी छोड़ दी। लेकिन वो लगे हुए थे मुझे जोर जोर से ढके दिए जा रहे थे ऐसा लग रहा था कि आज चूत फार देंगे। कुछ देर बाद उन्होंने एक दो जोर के झटके दिये और मेरी चूत में झर गए।

वो अब मेरी चुचियो को चूस रहे थे,मेरी चुचियो को मुठी में भर के दबा रहे थे। मेरी सीने में दर्द हो जाता था। मेरी निप्पल को पकड़ के उंगलियों से मसल रहे थे। मेरी तो ईश निकल जा रही थी। कुछ देर में मुझे महसूस हुआ कि उनका लण्ड फिर से तन गया है। वो फिर से चोदने को तैयार थे मैंने मना किया लेकिन वो नही माने।

उन्होंने मुझे पलट के पीछे से मेरा चूत में लण्ड डाल दिया। अब तो वो मेरी कमरतोड़ चुदाई करने लगे थे। ऐसा लग रहा था कि मेरी कमर टूट जयेगी। उनका धका मेरी सरीर को हिला दे रहा था। मैं तो थक गयी थी लेकिन अंकल रुकने का नाम नही ले रहे थे। वो अलग अलग तरीके से मेरी चूत का बैंड बाजा रहे थे। उस रात 4 बजे तक उन्होंने मेरु चुदाई की तबतक उनका नाश भी ख़त्म हो गया था

वो कपड़ा पहन के चले गए मेरी कमर में बहोत जोर के दर्द हो रहा था। मैं खरी होने के लायक नही थी। ऐसी चुदाई मैंने कभी सोची नही थी। मैं अब वर्जिनिटी खो के चुदने लायक हो गईं थी। उस दिन के बाद एक बार वो वही अंकल मुझे अपने घर ले गए और अपने दोस्त के साथ मिल के मेरी चुदाई कर दी।

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