बुआ के साथ चुदाई का मजा

Antarvasna Hindi Sex Story – नमस्ते दोस्तो, मैं कुंदन आज आप सबको मैं एक नई चुदाई की कहानी बताने वाला हूं। मैं हमेसा से एक चोदू किस्म का लड़का रहा हूँ। किसी भी मोटी गांड या चुचियो को देख मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है। अब उसे मैं या तो चोद के सांत करता हु या मूठ मार के रहना पड़ता है। मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभी और आंटी को चोदने में ज्यादा मज़ा आता है क्योंकि उनकी गांड बहोत मोटी होती है और चुचिया भी बहोत बड़ी बड़ी होती है।। अब मैं स्टोरी पे आता हूँ।

ये कहानी है मेरे बुआ के साथ चुदाई की है। मैं मुम्बई में एक कंपनी में काम करता हूँ। मुझे अपने कंपनी के काम से सूरत जान था। वहाँ मेरी बुआ रहती थी तो मैं उन्ही के यहाँ जाने का सोचा। मैं अपनी बुआ से काफी समय के बाद मिलने वला था। अगले ही दिन मैं बुआ के यहाँ पाउच गया। बुआ के घर मे उनके पति और उनका दो बेटा था। एक का उम्र 12साल और दूसरे का 10 साल।

मेरी जब वहां गया तो तो बुआ को देख के तो मेरा लण्ड ही खरा हो गया। लेकिन मैंने अपने मन को सांत किया कि बच्चे ये तेरी बुआ है अपने भावनाओ को काबू में रखो। मेरी बुआ की उम्र 36 साल थी लेकिन कोई उन्हें देख के नही कह सकता था कि वो 2 बच्चों की माँ है। वो 28-29 साल ली लगती थी।

बुआ का फिगर बहोत सेक्सी था। वो एकदम हॉट लेडी थी। उनका फिगर 36″32″34का होगा। उन्हें देख कोई बूढ़े का लण्ड भी खड़ा हो जये। मैं तो फिर भी जवान था। मैंने उन्हें प्रणाम किया और जन भुज के गले लगा लिया। उनकी चुचिया मेरे सीने से सत गयी थी। मैंने कस उन्हें पकड़ लिया और उनके पीठ को सहला दिया। मैं खुद को कंट्रोल ही नही कर पा रहा था लेकिन जैसे जैसे कर के मैं काबू में हुआ। मैं जल्दी से बाथरूम में गया और बुआ को सोच के मूठ मार ली।

शाम हो गया था हमने साथ मे खाना ख़या और मैं सोने चला गया। मैं तो बस बुआ के बारे में सोच रहा था। अगले सुबह मुझे काम के लिए जाना था तो फूफा जी ने मुझे साथ मे ले गए। उनके बच्चे स्कूल चले गए। मेरा काम जल्दी ही ख़त्म हो गया तो मैं घर आ गया। घर पे अकेली बुआ थी।
वो बोली तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय लेके आती हूँ।

बुआ चाय बनाने गयी मैं सोचा घर मे कोई नही है बुआ को चोदने का सही मौका है। लेकिन मैं डर रहा था कि बुआ मेरा विरोद की तो न मुझे चूत मिलेगी और बदनामी होगी। मैं किचन में गया बस मेरी नज़र बुआ के सेक्सी कमर पे परी जिसे देख मेरा मन विचलित हो उठा। उनकी पीठ पे ब्लाउज की डोरी नीचे उनकी धार जैसे कमर और उनकी उभरी हुई गांड देख मेरा लण्ड मेरे पैंट से बाहर आने को आतुर था।

मैं गया और बुआ को पीछे से पकड़ लिया। बुआ बोली क्या हुआ कुंदन बाबु मैं चाय लेके आ रही थी तुम यहा आ गए। मैंने कहाँ मुझे चाय नही पीना है तो बुआ बोली क्या पीना है। मैं बोल दिया कि आपके बदन के रस को पीना है। मैंने उनके कंधे पे किश किया। बुआ एकदम से झटक गयी और बोली कैसी बाते कर रहे हो। मैं बोला बुआ आपकी यौवन को देख मेरे अंदर की अन्तर्वासना जग गयी है। जिसे मैं आपके साथ बुझना चाहता हूँ। बुआ बोली कि मैं तुम्हरी बुआ हूँ तुम्हे समझ आ रहा कि मैं आपको क्या बोल रहा हूँ। मैं बोला कि आपके अंदर हवस की आग लगी हो तो कोई रिश्ता नही दिखता है।

बस एक नर और मादा की जरूरत दिखती है। आपका बदन मेरे लण्ड को खड़ा कर दे रहा है। मैंने उन्हें रैक में अटका दिया। उनके गर्दन पे किश किया। बुआ न किये जा रही थी मैं उनके साथ आगे बढ रहा था। क्योंकि मैं खुद को रोक नही सकता था। मैं उनके बदन से चिपक गया। उनके चूत पे मेरा लण्ड सट गया था। मैं बुआ को किश किये जा रहा था। मेरा एक हाथ बुआ की चुचियो पे गया और मैं दबाने लगा। वो मोअन करने लगी थी। वो आह ऊह आआह कर रही थी।

मैंने उनकी साड़ी को उठा दिया और उनके जांघो को मसलने लगा। बुआ मदहोश होने लगी थी। वो अब विरोध करना बन्द कर दी थी। किश करने में मेरा साथ द्व रही थी। हम किश करते हुए किचन से बाहर आ गए। मैं उनको लेके उनके रूम में गया। उनकी पल्लू को हटाया और उनके ब्लाउज के बटन को खोलने लगा। बुआ मुझे अपनी ओर किचा ली और मेरा शर्ट खोल दी। बुआ के अंदर भी हवस उठ गया था।

मैंने अब उनकी सारी को पूरा खोल दिया। उनका पेटी खोल के फेका और अपना सारा कपड़ा उतार दिया। मैं बिल्कुल नंगा था और बुआ मेरे सामने ब्रा पेंटी में सोई हुई थी। मैं उनके ऊपर गया और एक हाथ मेरा उनकी बूब्स पे था तो दूसरा उनकी चूत के दरार में। वो अर्ग्रईया ले रही थी वो मेरे लण्ड को पकड़ के मसल रही थी। मेरे मन अब उनको चोदने को हो उठा था।

मैंने उनकी पेंटी उतार दी और साथ मे उनकी ब्रा का खोल दिया। उनके बरे बरे बूब्स एकदम तजबूजे की तरह थे। मैं अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया। बुआ ऊह ऊह ई आआह कर रही थी। मैं उनके लगातार चोदे जा रहा था। मेरे धको से उनकी चुचिया हिल रही थी। मैंने उनकी चुचियो को पकड़ लिया और कस कस के पेलने लगा। बुआ मेरे लण्ड का पूरा पूरा मज़ा उठा रही थी। ओह्ह मेरे कुंदन तुमने मेरी आज चुदाई कर के काफी दिनों की प्यास को बुझा दिया है।

फिर तो मैंने उनको अलग अलग तरह से बहोत बार चोदे जा रहा था। मुझे चोदते हुए शाम हो गयी थी। उनके बेटे स्कूल से आने वाले थे। तब मैंने उन्हें छोर दिया और तैयार होके अपने घर निकल लिया।

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